जमशेदपुर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समक्ष झारखण्ड में बेहद कठिन समय चल रहा है। भाजपा, जो खुद को देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन राज्य में अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। इस कठिन दौर में, प्रधानमंत्री श्री [नरेंद्र मोदी जी जमशेदपुर में भाजपा को संजीवनी देने के उद्देश्य से पहुंचे हैं, लेकिन पार्टी के भीतर नेतृत्व संकट और संगठनात्मक कमजोरी से उबरने का कोई ठोस समाधान अब तक नजर नहीं आ रहा है।
भाजपा की वर्तमान स्थिति यह है कि खोई हुई जनाधार और राज्य में नेतृत्व का अभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। संगठन के पास कोई ऐसा स्थानीय नेता नहीं है, जो पार्टी की डूबती नैया को पार लगा सके। झारखण्ड में भाजपा के अंदरूनी ढांचे में इस कदर कमजोरी है कि मुख्यमंत्री पद सहित कैबिनेट मंत्री तक की जिम्मेदारी अन्य दलों से आए नेताओं के कंधों पर डालनी पड़ रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी अपने मूल नेताओं को सक्षम और प्रभावी नेतृत्व के तौर पर स्थापित करने में असमर्थ रही है।
यह हालात तब हैं जब भाजपा ने झारखण्ड में कई वर्षों तक शासन किया और पार्टी के पास जनाधार मजबूत करने के तमाम अवसर थे। इसके बावजूद, आज जनाधार खो चुकी पार्टी की स्थिति यह हो गई है कि उसे दूसरे दलों से नेताओं को लाकर महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करना पड़ रहा है।बीजेपी को अब कांग्रेस और JMM का सहारा लेना पड़ रहा हैँ झारखण्ड मे अपनी खोई हुई जनाधार को बचाने के लिए!