जमशेदपुर: बॉलीवुड सिंगर अरुण देव यादव के गीत एक बार फिर यूट्यूब पर धूम मचा रहा है. रोमांटिक और आध्यात्मिक गीतों से थोड़ा हट के सिंगर अरुण देव यादव ने कुछ अलग गाया है. ‘जजमेंटल है क्या’ फिल्म में पारा पारा… गीत गाकर मशहूर हुए अरुण ने हिमेश रेशमिया के लिए
आज कसम से… गा चुके हैं. बिरसानगर के रहनेवाले अरुण देव यादव का नया एलबम चैत मासे यूट्यूब पर रिलीज हुआ है. गीतों के बोल इस तरह के हैं जो चैत के सौंदर्य और पर्व त्योहारों को बयां करती है. अरुण बताते हैं कि चैती एक खास तरह का गीत है जिसे चैत के महीने में गाया जाता है. चैती गीत को भोजपुरी में घाटो, मगही में चैतार और मैथिली में चैतावर कहा जाता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक चैत माह को वर्ष का पहला महीना माना गया है.
यह महीना बहुत से धार्मिक पर्वों एवं भावनाओं से जुड़ा है. चैत भगवान श्री राम के जन्म का मास है, इसलिए चैती गीत की हर पंक्ति के बाद अक्सर हो रामा शब्द लगाते हैं. अरुण देव की प्रस्तुति और ट्रैक को आकाश रिजिया द्वारा निर्मित किया गया है.
अरुण बताते है कि इसके पहले चैत माह पर व चैती गीतों पर दिग्गज कलाकारों जैसे गिरिजा देवी, पंडित छन्नू लाल मिश्र और कई अन्य लोगों ने गीत गाया है. यह गीत विशेष रूप से ग्रीष्म ऋतु से पहले वसंत ऋतु में गाया जाता है, जब कोयल पक्षी कु कू कृ करती है… और एक पत्नी जो काम के लिए दूर गये अपने पति को याद करती है और याद करती है. यह गाना आपको मातृभूमि की मिट्टी की खुशबू और उससे जुड़ी भावनाओं से रूबरू कराती है.
चैत मासे सदाबहार क्लासिक भोजपुरी लोक चैती गीतों में से एक : चैत मासे सदाबहार क्लासिक भोजपुरी लोक चैती गीतों में से एक है. अरुण ने बताया कि इस एलबम को उन्होंने अपनी मां स्व कुसुम यादव एवं पिता भुवनेश्वर प्रसाद यादव को समर्पित किया है. अरुण ने बताया कि भोजपुरी लोक संस्कृति और इसकी मूल जड़ों से जुड़ी भावना पर गर्व है. इसके साथ ही उन सभी लोगों के लिए जो अपनी जड़ों और माटी को याद करते हैं. यह गाना उन्हीं के लिए है.