आदित्यपुर: थाना अंतर्गत वार्ड 17 स्थित हेवेन्स पैलेस के चौथे माले से गिरकर नालंदा निवासी मृत चालक सोनू यादव मौत मामले में चार महीने बाद भी परिजनों को इंसाफ नहीं मिला है. परिजन दर- दर की ठोकर खा रहे हैं. रविवार को मृतक की पत्नी सोनी देवी, मां चिंता देवी, साला विकास कुमार थाना पहुंचे और पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई.
आखिर क्यों नहीं मिला अबतक इंसाफ
सोनू यादव मूल रूप से बिहार के नालंदा जिला के गिरियक थाना अंतर्गत बरछी बिगहा गांव का रहने वाला था जो अमरजीत सिंह का ट्रेलर चलाता था. बीते 30 मार्च को चालक सोनू यादव का शव हैवेल्स टावर के नीचे नाले से बरामद किया गया था परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी, हालांकि बाद में थाने की मध्यस्थता से ट्रेलर के मालिक ने तीन लाख मुआवजा देने की बात कही थी. जिसके एवज में परिजनों को कुल तीन लाख का चेक दिया था. बाकी चार किस्तों में 50- 50 हजार का चेक दिया था. एक लाख का चेक क्लियर हो गया, मगर बाकी दो लाख का चेक क्लियर नहीं हुआ और आजतक परिजनों को मुआवजा नहीं मिल सका है. जब परिजन अमरजीत सिंह को फोन करते हैं तो आजकल करके टालमटोल किया जा रहा है.
मृतक सोनू यादव
तीन महीने बाद भी नहीं आया पोस्टमार्टम रिपोर्ट
इधर तीन महीना बीत जाने के बाद आजतक पोस्टमार्टम रिर्पोट नहीं आया जो कई सवालों के साथ पुलिस की कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है. मामले के जांच अधिकारी एएसआई अभिषेक कुमार हैं, जो काफी तेजतर्रार माने जाते हैं. रविवार को थाना पहुंचे परिजनों ने बताया कि ना तो उन्हें बाकी का रकम मिला ना ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट आया है, ताकि मृतक का एलआईसी अप्लाई किया जा सके. बता दें कि मृतक के परिवार में उसकी बूढ़ी मां, दुधमुहां बच्चा और विधवा पत्नी रह गई है, जो इंसाफ के लिए पिछले 4 महीनों से दर- दर की ठोकरें खा रही है.
वैसे इंसाफ के लिए थाना प्रभारी राजन कुमार भी काफी विख्यात है. गरीबों को इंसाफ दिलाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है आज परिजनों को सौंप दिया जाएगा. रही बात मुआवजा राशि का तो मैंने खुद ट्रांसपोर्टर को पांच बार फोन किया, मगर कोई रिप्लाई नहीं दिया गया. आगे परिजनों के आवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.