जमशेदपुर : अंतरराष्ट्रीय जूना अखाड़ा की किन्नर अखाड़ा की प्रतिष्ठित महंत कालकानंद गिरी ने मंगला पूजा के बारे में विस्तार से बताया कि यह पूजा पूर्ण श्रद्धा और परंपरागत वैदिक विधि के अनुसार होती है. जिसमें श्रद्धालु, साधक और जिज्ञासु भी सहभागी बनते हैं. मंगला पूजा में जहाँ भोर की पहली किरण के साथ मंत्रोच्चारण, शंखध्वनि और भक्ति भाव से भर जाता है।
महंत कालकानंद गिरी ने पूजा के साथ लोककल्याण, शांति और सद्भाव की कामना की। श्री गिरी ने कहा कि मंगला पूजा आत्मशुद्धि, ध्यान और साधना का मार्ग है, जो हर व्यक्ति को अपनी आत्मा से जोड़ता है। उन्होंने बताया कि किन्नर अखाड़ा समाज में आध्यात्मिक चेतना जगाने, सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को प्रसारित करने और धार्मिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में निरंतर प्रयासरत हूँ. उन्होंने समाज में एकता, शांति और प्रेम का संदेश दिया और विशेष रूप से युवाओं को धर्म से जुड़ने का आह्वान किया. महंत कालकानंद गिरी का यह प्रवास न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि समाज को एक सकारात्मक, आध्यात्मिक ऊर्जा से भी भर गया।