जमशेदपुर : वंदेभारत ट्रेन की पहली महिला लोको पायलट 27 वर्षीय रितिका तिर्की को देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की शाम राष्ट्रपति भवन में होने वाले एट–होम रिसेप्शन में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा है. सहायक डाक अधीक्षक (पश्चिमी) परीक्षित सेठ की देख-रेख में डाकिया द्वारा उक्त निमंत्रण पत्र को रितिका तिर्की के घर पहुंचकर उन्हें सौंपा. बता दें कि वह जमशेदपुर के जुगसलाई की रहनेवाली है. उनकी इस उपलब्धि से जमशेदपुर ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड का मान बढ़ा है. इसके साथ ही रितिका तिर्की ने वंदे भारत एक्सप्रेस की सहायक लोको-पायलट के रूप में देश की पहली आदिवासी महिला बनने का गौरव हासिल की है।
उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और संकल्प के बल पर यह उपलब्धि हासिल की है. रितिका तिर्की एक महिला लोको पायलट हैं, जो भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चलाती हैं. रितिका टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में काम करती हैं. यह ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है. प्रधानमंत्री मोदी ने 15 सितंबर को छह नयी वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन किया था. रितिका तिर्की को वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन चलाने का मौका मिला था. रितिका तिर्की ने 2019 में दक्षिण पूर्व रेलवे (एसइआर) के चक्रधरपुर डिवीजन में शंटर के रूप में अपनी रेलवे यात्रा शुरू की और बाद में मालगाड़ी और यात्री ट्रेनें चलायी।
इसके बाद रितिका को सीनियर सहायक लोको पायलट के पद पर प्रमोशन के बाद उन्हें वंदे भारत एक्सप्रेस के ऑपरेटिंग में असिस्ट करने का मौका मिला. रितिका झारखंड की रहने वाली हैं और एक सामान्य परिवार से आती हैं. रितिका के परिवार में उनके माता-पिता और उनके चार भाई-बहन हैं. रितिका ने अपनी स्कूली शिक्षा रांची से पूरी की. उन्होंने रांची के बीआइटी मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उनकी पहली पोस्टिंग धनबाद डिवीजन अंतर्गत चंद्रपुरा, बोकारो में हुई. साल 2021 में रितिका का तबादला टाटानगर हो गया. साल 2024 में उन्हें सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर पदोन्नत कर दिया गया।