जमशेदपुर : श्रीनाथ विश्वविद्यालय स्थित रसायन विज्ञान विभाग ने बायोटेक्नोलॉजी एवं एग्रीकल्चर विभाग के सहयोग से “कैटलाइजिंग ए क्लीनर टुमॉरो: एनश्योर अफोर्डेबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी ” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज, ग्रेजुएट कॉलेज और एलबीएसएम कॉलेज के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. स्वेता शर्मा (जीएसडब्ल्यूसी, जमशेदपुर) और डॉ. टिटास मुखोपाध्याय (एनआईटी जमशेदपुर) ने उभरती तकनीकों जैसे उन्नत बैटरी, स्मार्ट ग्रिड तथा आणविक संरचनाओं पर प्रकाश डाला, जो किफायती और सतत ऊर्जा के बीच संतुलन स्थापित करती हैं। सेशन में शामिल प्रतिभागियों को नवीनतम शोध निष्कर्षों और नवाचारपूर्ण तकनीकों का सीधा अनुभव प्राप्त हुआ।

कार्यशाला के दौरान पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने बायोमास और बायोफ्यूल के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति ने छात्रों को लाइव या हैंड्स-ऑन प्रोजेक्ट्स में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला की संयोजक डॉ. डॉली चक्रवर्ती ने सतत और स्वच्छ ऊर्जा तथा वर्ष 2030 तक भारत के नेट ज़ीरो मिशन में देश की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी।



