रांची : स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड काफी पिछड़ा हुआ है। ऐसे में प्रदेश का एक शहर मेडिकल हब बनने की ओर अग्रसर है। जी हां। हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर की। जहां लगातार बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं पर देश-विदेश की नजरें टिक गई हैं। अब तक जमशेदपुर टाटा के नाम से मशहूर है, लेकिन वह समय दूर नहीं जब लोग इसे मेडिकल हब के रूप में जानेंगे। दरअसल, यहां टाटा ग्रुप की ओर से चार बड़े अस्पताल संचालित किये जा रहे हैं।
इसमें टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), टाटा मोटर्स अस्पताल, टिनप्लेट अस्पताल व मेहरबाई टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल (एमटीएमएच) शामिल हैं।
कैंसर के इलाज के लिए जमशेदपुर में क्या है सुविधा
कैंसर अस्पताल में इलाज कराने के लिए न सिर्फ झारखंड बल्कि बंगाल, ओडिशा, बिहार, यूपी सहित अन्य राज्यों से भी मरीज जमशेदपुर आते हैं। टाटा का मेहरबाई कैंसर हॉस्पिटल लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद है। यहां कम खर्च में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलती है।
सरकारी अस्पताल की बात करें तो फिलहाल 500 बेड का सबसे बड़ा एमजीएम अस्पताल है। यहां पर
भी कई राज्यों से मरीज इलाज कराने आते हैं। अब सरकार 500-500 बेड के दो नए अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण करा रही है। एक अस्पताल का निर्माण एमजीएम कॉलेज परिसर में हो रहा है, जो लगभग 70 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है। जबकि दूसरा अस्पताल का निर्माण एमजीएम अस्पताल परिसर में चल रहा है। इसका निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है। दोनों अस्पतालों की लागत लगभग 800 करोड़ बतायी जा रही है।
अगले ढ़ाई साल के अंदर दोनों अस्पताल हो जाएंगे शुरू
दोनों अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। यहां पर हार्ट से लेकर किडनी, कैंसर, न्यूरो सहित प्लास्टिक सर्जरी व तमाम बीमारियों के इलाज और रिसर्च की सुविधा होगी। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की टीम मिलकर काम कर रही है। योजना पर 60 प्रतिशत फंड केंद्र व 40 प्रतिशत राज्य सरकार दे रही है। कहा जा रहा है कि इन दोनों अस्पतालों का निर्माण होने से यहां के मरीजों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बाहर से लोग यहां इलाज कराने के लिए आएंगे। ढ़ाई साल के अंदर दोनों अस्पताल पूरी तरह से संचालित होने लगेंगे। एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रविंद्र कुमार का कहना है कि इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।
107 बेड का होगा इमरजेंसी अस्पताल
साकची एमजीएम में निर्माणधीन नए अस्पताल में 107 बेड का इमरजेंसी विभाग होगा। वहीं, विभिन्न विभागों में 246 बेड का आईसीयू होंगे। गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सा मिल सकेगी। 15 ऑपरेशन थियेटर होंगे। अभी फिलहाल 10 बेड का इमरजेंसी विभाग संचालित हो रहा है। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
केएमवी व एलएंडटी कंपनी को निर्माण का जिम्मा
दोनों अस्पतालों का निर्माण अलग-अलग कंपनियां कर रही हैं। डिमना चौक स्थित एमजीएम कॉलेज परिसर में एलएंडटी कंपनी नए अस्पताल को बना रही है। यह अस्पताल लगभग 70 प्रतिशत तैयार हो चका है।साकची स्थित
एमजीएम अस्पताल परिसर में हैदराबाद की कंपनी केएमवी प्रोजेक्ट निर्माण करा रही है। दोनों अस्पताल पांच मंजिला होंगे।
– पहला तल्ला : मनोरोग विभाग, हड्डी रोग विभाग, महिला एवं प्रसूति रोग विभाग, आक्सीजन प्लांट व फार्मेसी की सुविधा।
– दूसरा तल्ला : मेडिसिन, सर्जरी, किडनी, डायलिसिस सेंटर, शिशु रोग विभाग।
– तीसरा तल्ला : सर्जरी आईसीयू, पीआईसीयू, एचडीयू, छाती व श्वसन रोग विभाग, नेत्र व ईएनटी विभाग।
– चौथा तल्ला : सेमिनार हाल व प्रशासनिक कार्यालय। इसके साथ ही न्यूरो, यूरो, हार्ट, नेफ्रो का ओपीडी।
– पांचवा तल्ला : नेत्र व ईएनटी विभाग का इनडोर व निजी वार्ड होगा। इसके अलावा पांच अलग-अलग आपरेशन थियेटर होगा।
किस विभाग कितने बेड होंगे
विभाग : बेड
इमरजेंसी : 107
शिशु रोग : 40
मेडिसिन : 70
चर्म रोग : 20
श्वसन रोग : 20
मानसिक रोग : 20
हड्डी रोग : 30
सर्जरी : 60
ईएनटी : 20
नेत्र रोग : 20
बर्न : 33
निजी वार्ड : 07
महिला रोग : 60
ये होंगी सुविधाएं
– लांडरी सिस्टम
– फ्लोरोस्कोपी
– सीटी स्कैन
– एमआरआई
– एक्सरे
– अल्ट्रासाउंड
– मैमोग्राफी
– सेमिनार हाल
– प्रशासनिक भवन
– क्लासेस रूम
– पीएसए प्लांट
– लिक्विड आक्सीजन प्लांट
– जैविक कचरा प्रबंधन
– केंद्रीकृत स्ट्रेलाइजेसन यूनिट