झारखंड: निदेशक ने एम्स, देवघर समेत राज्य सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन, सभी सिविल सर्जन और जिला अस्पताल को जारी विस्तृत दिशा-निर्देश में मंकी पॉक्स से बचाव, रोकथाम, नियंत्रण, जांच और इलाज हेतु सतत निगरानी की हिदायत दी है।
विश्व के 116 देशों में फैल चुके मंकी पॉक्स का एक संदिग्ध दिल्ली के एम्स में मिलने के बाद झारखंड का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक अबु इमरान ने मंकी पॉक्स को लेकर सभी जिलों को एडवायजरी जारी की है।
निदेशक ने एम्स, देवघर समेत राज्य सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन, सभी सिविल सर्जन और जिला अस्पताल को जारी विस्तृत दिशा-निर्देश में मंकी पॉक्स से बचाव, रोकथाम, नियंत्रण, जांच और इलाज हेतु सतत निगरानी की हिदायत दी है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
मंकी पॉक्स को लेकर अस्पतालों में 5 बेड आरक्षित करने का निर्देश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबु इमरान ने मंकी पॉक्स से बचाव तथा प्रबंधन के लिए एहतियाती तौर पर सभी मेडिकल कॉलेज तथा जिला अस्पतालों में कम-से-कम पांच आइसोलेशन बेड को पृथक रूप से चिह्नित करने का निर्देश दिया है, ताकि संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जा सके। साथ ही उन्होंने सभी जिलों के अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों में संदिग्धों की गहन निगरानी व परीक्षण सुनिश्चित कराने की हिदायत दी है।
कहा है कि इसके लिए एसटीडी क्लिनिकों के साथ-साथ स्किन, मेडिसिन व पेडिएट्रिक ओपीडी में मरीजों की गहन निगारानी करते हुए परीक्षण किया जाए, ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके। संदिग्धों की पहचान होने पर नमूना (स्वाब) संकलित कर सुरक्षित तरीके से उसे एनआईवी, पुणे भेजें। मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज के मिलने पर इसकी सूचना जिला सर्विलेंस इकाई के जिला निगरानी पदाधिकारी को दिया जाए, ताकि नमूनों की जांच हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जा सके। अभियान निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि इस महामारी के नियंत्रण के लिए संदिग्ध, संभावित और पुष्ट मामलों का एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम सूचनातंत्र के माध्यम से निगरानी किया जाना अति आवश्यक है।
विदेश यात्रा से लौटने वालों की 21 दिनों तक निगरानी
अभियान निदेशक ने विदेश यात्रा से लौटने वालों की गहन निगरानी की हिदायत दी है। कहा है कि विदेश यात्रा से लौटने के बाद अगर 21 दिनों के भीतर बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस होती है तो इस परिस्थिति में बिना देर किए जांच कराने हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित किया जाना अपेक्षित है। इस रोग में लक्षणगत इलाज किया जाता है। बीमारी हल्की होती है और ज्यादातर लोग 2-4 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। साथ ही उन्होंने बीमारी के बचाव के लिए जागरुकता संबंधित कार्य करते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए आवश्यक प्रशिक्षण आयोजित करने की हिदायत भी दी है।
लक्षण दिखते हैं चेचक जैसे, छींकने और खांसने से फैलता है वायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। अभियान निदेशक ने कहा है कि जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षण चेचक जैसे दिखते हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशी में दर्द, पीठ दर्द, थकान महसूस होना, लिंफ नोड में सूजन और शरीर पर चकते, जो तीन सप्ताह तक रह सकते हैं। संक्रमित मरीज के खांसने, छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से यह वायरस दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े से भी फैल सकता है। विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त एवं कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है।