रांची/जमशेदपुर : झारखंड में टाटा स्टील की नोआमुंडी आयरन माइन और विजया-II आयरन माइन ने शनिवार को रांची में भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम), रांची क्षेत्र के तत्वावधान में आयोजित 30वें खान पर्यावरण और खनिज संरक्षण (MEMC) सप्ताह, 2022-23 के अंतिम दिन के कार्यक्रम में 10 पुरस्कार जीते हैं।
नोआमुंडी आयरन माइन को A-1 ग्रुप ऑफ माइंस में समग्र प्रदर्शन श्रेणी में विजेता घोषित किया गया। इसी तरह, माइंस को इसी समूह में तीन अन्य श्रेणियों- खनिज संरक्षण, माइंस बेनिफिसिएशन और सतत विकास में विजेता घोषित किया गया।
इसके अलावा, A-1 ग्रुप के तहत वनीकरण और पुनर्ग्रहण एवं पुनर्वास श्रेणी में उपविजेता का पुरस्कार नोआमुंडी आयरन माइन को प्रदान किए गए।
इसी तरह, विजया-II आयरन माइन को व्यवस्थित और वैज्ञानिक खनन में विजेता घोषित किया गया और दो श्रेणियों- वेस्ट डंप मैनेजमेंट और प्रचार तथा प्रसार में ए-1 समूह में उपविजेता घोषित किया गया।
टाटा स्टील ने स्टॉल डिस्प्ले में प्रथम पुरस्कार जीता, जिसे खदानों और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए इस अवसर पर लगाया गया था।
टाटा स्टील के अधिकारियों ने आईबीएम के पूर्वी क्षेत्र के खान नियंत्रक शैलेंद्र कुमार से पुरस्कार प्राप्त किए, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न श्रेणियों के तहत कुल 75 पुरस्कार दिए गए, जिसमें राज्य भर की 31 माइंस ने भाग लिया।
इस अवसर पर आईबीएम के रांची क्षेत्र के क्षेत्रीय खान नियंत्रक सलिल संदीप कुजूर, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के निदेशक संजीव कुमार सिंह, टाटा स्टील के जेनरल मैनेजर (ओएमक्यू) अतुल कुमार भटनागर, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के गुआ आयरन माइन के चीफ जेनरल मैनेजर (सीजीएम) कमल भास्कर, सेल के किरीबुरू आयरन माइन के सीजीएम कमलेश राय, हिंडाल्को के जेनरल मैनेजर आरआर अंबष्ठ, हिंडाल्को के जेनरल मैनेजर बासुदेव गंगोपाध्याय, टाटा स्टील के नोआमुंडी आयरन माइन के चीफ डी विजयेंद्र और राज्य भर की विभिन्न खदानों के अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित थे।
टाटा स्टील दुनिया भर में फैले अपने परिचालन के माध्यम से सस्टेनेबल माइनिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रमाणित, कंपनी उन्नत प्रौद्योगिकियों के माध्यम से रॉ मटेरियल की दक्षता और संरक्षण सुनिश्चित करती है।