RANCHI : इस बार विधानसभा में महिला शक्ति दिखेगी। इनमें कुछ नये तो कुछ पुराने चेहरे भी होंगे। इस बार सदन में सबसे ज्यादा कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुनकर महिलाएं पहुंची है। इसमें कांग्रेस पार्टी की 5 महिला विधायक हैं। एक विधायक ऐसी हैं, जिन्होंने सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। पाकुड़ विधानसभा सीट से आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम ने 82 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीता है। वह पहली बार विधायक बनीं हैं।
कांग्रेस से 5 महिला विधायक
वहीं संताल परगना के ही महगामा विधानसभा की विधायक व पूर्व मंत्री दीपिका पांडेय सिंह एक बार फिर विधायक निर्वाचित हुईं हैं वो वर्ष 2019 के चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। वहीं बोकारो विधानसभा सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार श्वेता सिंह ने जीत दर्ज की है। वह पहली बार विधायक निर्वाचित हुईं हैं। श्वेता सिंह बोकारो के कद्दावर नेता रहे समरेश सिंह की बहू हैं।
वहीं बात करें कांग्रेस की अन्य महिला विधायक की, तो शिल्पी नेहा तिर्की ने भी विधानसभा का चुनाव जीता है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मांडर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुईं हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में बंधु तिर्की के जेल जाने के बाद उनकी बेटी शिल्पा नेहा तिर्की ने राजनीतिक विरासत संभाली है।
भाजपा से चार महिला विधायक
भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाली 4 महिलाएं भी विधायक निर्वाचित हुईं हैं। डॉ नीरा यादव फिर से कोडरमा विधानसभा से चुनी गईं हैं। मंजू कमारी ने जमुआ (एससी) विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। रागिनी सिंह झरिया से और पूर्णिमा साहू ने जमशेदपुर से चुनाव जीता है।
झामुमो से तीन महिला विधायक
झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली 3 महिला भी विधायक निर्वाचित हुईं हैं. इसमें हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, झारखंड की पूर्व मंत्री डॉ लोईस मरांडी और सबिता महतो इस बार महिलाओं का नेतृत्व करेगी। जामा से चुनाव जीतने वाली डॉ लोईस मरांडी भाजपा छोड़कर विधानसभा चुनाव से पहले झामुमो में शामिल हुईं थीं। सबिता महतो फिर से ईचागढ़ से निर्वाचित हुईं हैं।