RANCHI : बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहां के प्रतिबंधित संगठन भारत विरोधी साजिश रच रहे हैं। इसका खुलासा झारखंड एटीएस को मिली एक सूचना से हुआ है। एटीएस को सूचना मिली है कि बांग्लादेश का प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़ा आतंकी अब्दुल मम्मुन मुर्शिदाबाद के धुलिया के रास्ते बांग्लादेश सीमा पार कर जनवरी में पाकुड़ आया था। यहां उसने जेएएचए नामक एक संगठन के साथ बैठक की।
बैठक में बंगाल और पाकुड़ के कई संदिग्ध शामिल हुए। इसके बाद उसने जेएएचए के कैडरों को ट्रेनिंग भी दी और लौट गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद एटीएस अब इसकी जांच में जुट गया है। साथ ही सभी जिलों के एसपी और डीआईजी को गोपनीय सूचनाएं जुटा कर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। एटीएस को जानकारी मिली है कि अब्दुल मम्मुन बांग्लादेश के सतखिरा के गोपीनाथपुर का है। वह अवैध तरीके से सीमा पार कर बीते छह जनवरी को पाकुड़ पहुंचा। पाकुड़ के इस्लामी दावा सेंटर, दुबराजपुर में उसने जेएएचए के कैडरों के साथ बैठक की और करीब 15 सदस्यों को अपने मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी। इसके बाद लौट गया।
साहिबगंज-पाकुड़ में रही है जेएमबी की सक्रियता
बांग्लादेशी प्रतिबंधित संगठन जेएमबी की सक्रियता संताल के साहिबगंज और पाकुड़ में रही है। इस संगठन के संदिग्धों और ओवरग्राउंड वर्कर्स की जानकारी पूर्व में भी एटीएस ने जुटाई थी। इन संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखा जाता था।
सऊदी का इस्लामी स्कॉलर बना मध्यस्थ
एटीएस को जानकारी मिली है कि पाकुड़ में हुई बैठक में मुर्शिदाबाद के जलांगी का राहुल हुसैन, सऊदी अरब निवासी इस्लामी स्कॉलर शम्सुजहां रहमान शामिल थे। शम्सुजहां को जेएमबी और जेएएचए का मध्यस्थ बताया गया है। बैठक में 24 परगना के जेएएचए सचिव अब्दुल हमीद फैजी, पाकुड़ के कुसुमनगर के मुसलेउद्दीन नजनी हफीजुल्लाह, मुर्शीदाबाद फरक्का के जमीरुल हक, धुलिया के अनवारुल हक के शामिल होने की जानकारी भी एटीएस को मिली है।