रांची : पूरे देश भर में साइबर अपराधियों का नित्य नया कारनामा सामने आता है। साइबर अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि अब उन्हें किसी का डर नहीं है और तो और झारखंड के DGP का फेसबुक पर ही फर्जी अकाउंट बना दिया. सोशल मीडिया पर कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भी आ रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब फेसबुक में झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता के नाम पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जा रहा है, हालांकि डीजीपी ने इसकी जांच का जिम्मा साइबर सेल को सौंप दिया है।
खबर है कि लोगों ने इस फेक आईडी को देखा तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ डीजीपी अनुराग गुप्ता ने उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। लेकिन लोगों ने जब इसे ध्यान से देखा तो इनके नाम के स्पेलिंग गलती थी। साथ ही इनके बायो में जन्म स्थान देवघर दिखाया जा रहा है, जो सही नहीं है. इससे संदेह और गहरा हो गया है।इसकी सूचना जैसे ही डीजीपी अनुराग गुप्ता को मिली उन्होंने फौरन इसकी शिकायत फेसबुक से की और इसकी जांच का जिम्मा साइबर सेल को सौंप दिया है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है यह आईडी किसने और कब बनाया है।
जिसमें IPS अनुराग गुप्ता लिखा हुआ है। ऐसे में सवाल है कि क्या अब साइबर अपराधी बेलगाम हो गए या खुली चुनौती पुलिस को ही दी जा रही है. इनके हौसले किस कदर बढ़ कि अब DGP को भी नहीं छोड़ा है।
अगर देखें तो झारखंड से ही साइबर अपराधी अपनी समांतर व्यवस्था चला रहे है।जिसे लेकर गृह मंत्रालय ने भी अलर्ट जारी किया है. साइबर अपराधी अब नए नए तरीके से ठगी का शिकार बना रहे है. अब तक कॉल कर OTP मांगते थे, लेकिन अब मोबाइल एप से लेकर कई पोर्टल खुद बना कर डेटा चोरी कर ठगी का शिकार बना रहे है। ऐसे में देखें तो जरा सी चूक होने पर मिनट भर में पूरी कमाई खाली हो जाती है।अब जिस तरह से हाल में खुलासा हुआ कि झारखंड से ही साइबर अपराधी मोबाइल एप बना कर सिर्फ इस्तेमाल ही नहीं कर रहें, बल्कि इसकी बिक्री भी कर रहे है. जिससे पूरे झारखंड में इसका जाल बिछता जा रहा है. पहले साइबर अपराधी का ठिकाना जामताड़ा तक सीमित था लेकिन दायरा बढ़ता चला गया देवघर, गिरीडीह और रांची में भी बैठ कर अपना गिरोह चला रहे है।
अब वापस से बात DGP के फेक फेसबुक की बात करते है. DGP की तस्वीर के साथ फेसबुक में स्पेलिंग थोड़ा गलत है। ANURAG GUPTA के जगह ANURG गुप्ता लिखा हुआ है।रांची में एकाएक कई लोगों के पास इनका रिक्वेस्ट आया. जिसके बाद DGPको जानकारी दी गई। इससे पहले भी साइबर अपराधियों ने DIG नौशाद आलम का फेसबुक पर फर्जी खाता बना कर लोगों से पैसे की डिमांड कर रहे थे। इसके बाद रांची डीसी समेत कई पुलिस महकमे और प्रशासनिक अधिकारियों के फर्जी खाता बना कर साइबर अपराधी अपना निशाना बनाने में लगे हैं।
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