रांची : वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर 3 मार्च को झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने वाले हैं. इससे पहले आम लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल चल रहे हैं. मसलन, किस सेक्टर पर सरकार ज्यादा फोकस करेगी. मंईयां सम्मान और सर्जन पेंशन की 1 साल की राशि का प्रावधान होगा या नहीं. बजट के आकार में कितना प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है. क्या राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार सेस के माध्यम से आम जनता पर टैक्स का बोझ डाल सकती है?
बजट की रूपरेखा पर सत्ता पक्ष की ओर से आए हालिया इंडिकेशन से कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. झारखंड के अब तक के बजट आकार में -5.01% से की कटौती के साथ साथ 36.76% तक का इजाफा भी हुआ है. लिहाजा, 10% से 15% तक का इजाफा होने पर वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट आकर 1 लाख 45 हजार करोड़ तक का हो सकता है. क्योंकि वर्ष 2024-25 का बजट आकर 1,28,900 करोड़ का था.
क्या आम जनता पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा?
एक अनुमान के मुताबिक सबसे ज्यादा फोकस महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग पर देखने को मिल सकता है. क्योंकि सरकार को 18 साल से 50 साल तक की महिलाओं को हर माह 2500 रुपए और सर्वजन पेंशन योजना के लाभुकों को 1000 रु प्रतिमाह देना है. ऐसे में वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर के लिए आय और व्यय में तालमेल बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी. ऐसा नहीं होने से ऋण पर सूद बढ़ेगा. इससे घाटा बढ़ता जाएगा. वहीं वित्त मंत्री इशारा कर चुके हैं कि बजट में सबसे ज्यादा तवज्जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक क्षेत्र के उत्थान को दिया जाएगा. वित्त मंत्री यह भी कह चुके हैं कि सरकार राजस्व बढ़ाने पर फोकस करेगी. उनका मानना है कि टैक्स चोरी को रोक कर 7000 से 8000 करोड़ तक का राजस्व बढ़ाया जा सकता है. इसलिए जनता पर वित्तीय बोझ नहीं डाला जाएगा.
बजट पेश करने के मामले में रघुवर हैं अव्वल
झारखंड बनने के बाद अब तक सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले नेताओं में रघुवर दास का नाम टॉप पर है. उन्होंने वित्त मंत्री की हैसियत से 2005-06 में पहली बार बजट पेश किया था. 2006-07 में दूसरी बार बजट पेश किया था. 2010-11 में तीसरी बार, जबकि 2015 से 2019 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश कर कुल आठ बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड उनके नाम है. इसके बाद डॉ रामेश्वर उरांव दूसरे नेता हैं जिन्होंने लगातार पांच बार बजट पेश किया है. तीसरा स्थान मृगेंद्र प्रताप का है. इन्होंने लगातार चार बार बजट पेश किया था. आपको बता दें कि हेमंत सोरेन भी प्रभारी मंत्री की हैसियत से 2011-12 और 2012-13 में बजट पेश कर चुके हैं.
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