रांची : झारखंड हाई कोर्ट में मनरेगा घोटाले में खूंटी की तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच को लेकर दायर अरुण कुमार दुबे की जनहित याचिका पर बुधवार को वर्चुअली सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे एवं उसके अधिवक्ता राजीव कुमार के क्रेडेंशियल को सही नहीं मानते हुए दोनों को मामले से हटाने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए एमिकस क्यूरी की नियुक्ति करने का निर्देश देते हुए मामले को किसी सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया।
पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं महाधिवक्ता राजीव रंजन ने राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट में पक्ष रखते हुए रूल्स के खिलाफ याचिका दाखिल किए जाने के आधार पर इसे खारिज करने की मांग की थी। पूर्व में कोर्ट ने सरकार का पक्ष जानने के बाद मेंटीबिलिटी (याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं) के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रखा था।
पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि खूंटी में मनरेगा योजनाओं में अभी 200 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय गड़बड़ी मिली है। उस दौरान पूजा सिंघल खूंटी के डीसी थी । इस मामले में खूंटी जिला के विभिन्न पुलिस थानों में 16 प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।