RANCHI : एचएमपीवी वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए राज्य के सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा है. साथ ही यह भी कहा गया है कि आम लोगों को इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है. सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एचएमपीवी को लेकर शीर्ष स्तर पर बैठक की गयी थी. इसके बाद विभाग ने इससे निबटने की तैयारी को लेकर सभी सिविल सर्जन को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है. बुखार आना, गले में खरास, खांसी और नाक बंद होना, सांस लेने में परेशानी या दम फूलना एचएमपीवी वायरस के लक्षण हैं।
एचएमपीवी संक्रमण से बचाव के संबंध में आम जनता के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है. सर्दी के दिनों में इस तरह के केस पहले भी पाये गये हैं. इसको लेकर पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है. लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचने, मास्क पहनने और हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करने की सलाह दी गयी है. डॉक्टरों ने कहा है कि एचएमपीवी या ह्यूमन मेटा न्यूमोनिया वायरस कोविड-19 जितना हानिकारक नहीं है. वहीं, सिवियर एक्सूट रेस्पेरेटरी इलनेस की जांच वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेट्री (वीआरडीएल) में कराने के लिए रिम्स सहित अन्य संस्थानों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
एचएमपीवी वायरस को जानें
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस वायरस के लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ और फ्लू शामिल हैं. यह वायरस छींक से निकली बूंदों, व्यक्तिगत संपर्क और वायरस से दूषित जगहों को छूने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलता है. अधिक गंभीर मामलों में इससे ब्रोंकाइटिस या निमोनिया भी हो सकता है. इसका असर खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार कम इम्युनिटी वाले लोगों पर अधिक होता है।