विधानसभा से पारित झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 को राज्यपाल संतोष गंगवार ने मंजूरी दे दी है. राज्यपाल के मंजूरी देने के बाद यह अब कानून बन जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक इस खनिजों पर लगने वाले सेस से राज्य को करीब 4000 करोड़ तक का लाभ हो सकता है…
RANCHI : झारखंड में खनिजों पर अब सेस (उपकर) लगेगा. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अब गजट प्रकाशन के साथ ही राज्य में यह कानून लागू हो जायेगा।
विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल ने दी स्वीकृति
राज्य सरकार ने विधानसभा के माध्यम से इस विधेयक को राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा था. इसके तहत खनिज धारित भूमि से खनिज के उत्खनन पर रॉयल्टी पर उपकर (सेस) लगाने तथा इससे प्राप्त होनेवाली निधि से झारखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा सेवाएं, कृषि, ग्रामीण आधारभूत संरचना, पेयजल एवं स्वच्छता तथा अन्य आवश्यक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आर्थिक शक्ति प्राप्त होगी. राज्य में सेस लागू होने पर खान विभाग को 2000 से लेकर चार हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व वसूली का अनुमान है. वर्तमान में खान विभाग का राजस्व लगभग 12 हजार करोड़ है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही राज्य सरकार ने खदानों की भूमि पर सेस लगाने का निर्णय लिया. सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई 2024 के फैसले में राज्यों को खनिजोंवाली जमीन पर उपकर (सेस) लगाने का अधिकार दिया था. इसमें यह कहा गया कि सेस से मिलनेवाली राशि राज्य के विकास पर खर्च की जायेगी।
किस खनिज पर कितना सेस लगेगा
- खनिज धारित भूमि का प्रकार—–सेस की दर
- कोयला धारित भूमि—–100 रुपये प्रति मीट्रिक टन
- लौह अयस्क धारित भूमि—–100 रुपये प्रति मीट्रिक टन
- बॉक्साइट धारित भूमि—–70 रुपये प्रति मीट्रिक टन
- चूनापत्थर धारित भूमि—–50 रुपये प्रति मीट्रिक टन
- मैंगनीज अयस्क धारित भूमि—–50 रुपये प्रति मीट्रिक टन
- अन्य खनिज धारित भूमि—–प्रति टन खनिज के प्रेषण पर दी गयी रॉयल्टी का 50 प्रतिशत