रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी के सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरी जांच के बाद आयोग यह कहने की स्थिति में है कि परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है।
सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा, “परीक्षा को लेकर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। हम यह कह सकते हैं कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।” उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में जेएसएससी के अधिकारियों को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी, जो ई-मेल के माध्यम से भेजी गई थी।
आरोपों की जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ताओं के दावे झूठे थे
गुप्ता ने बताया कि प्रदर्शन करने वालों द्वारा जो सीडी उपलब्ध कराई गई थी, वह पूरी तरह से ब्लैंक पाई गई। इसके अलावा, शिकायतकर्ताओं से शपथ पत्र के जरिये आरोपों की पुष्टि करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने यह भी बताया कि जिन सीटों का जिक्र करते हुए आरोप लगाए गए थे, वहां संबंधित छात्र परीक्षा में ही शामिल नहीं हुए थे। इसके साथ ही जो पत्र प्रश्न पत्र के वायरल होने को लेकर प्रस्तुत किए गए थे, वे दरअसल शाम के पांच बजे के बाद ली गई तस्वीरें थीं। परीक्षा के परिणाम सामान्य रहे हैं और सभी परीक्षा केंद्रों से सफल उम्मीदवार घोषित हुए हैं।
अफवाहों का खंडन करते हुए गुप्ता ने दी सफाई
सुधीर कुमार गुप्ता ने यह भी कहा कि कुछ अफवाहें फैलाने की कोशिश की जा रही हैं, जैसे कि दूसरे दिन के अधिक छात्र सफल हुए थे। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है। दूसरे दिन केवल स्थानीय भाषा की परीक्षा ली गई थी, जबकि पहले दिन हिंदी भाषा की परीक्षा हुई थी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है, वह रिजल्ट या मेरिट लिस्ट नहीं है, बल्कि यह केवल उम्मीदवारों की वेरिफिकेशन सूची है। रिजल्ट और मेरिट लिस्ट बाद में जारी की जाएगी।
आरक्षण के तहत नियुक्तियां की गईं
गुप्ता ने यह भी कहा कि यह आरोप कि दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई है, पूरी तरह से गलत है। उन्होंने बताया कि रिजल्ट को प्रकाशित करते समय आरक्षण के नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है।
इस प्रकार, जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और सही तरीके से की गईं हैं।