RANCHI : झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर तरकश में तीर सजाए जाने लगे हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की राज्य में सरकार होने के कारण नेतृत्व करने वाली पार्टी जेएमएम को सरकारी तौर पर अब तक हुए काम पर भरोसा है।
जेएमएम के सीनियर लीडर और हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद सरकार की सूबेदारी कर रहे चंपाई सोरेन ने बचे काम पूरा करने के लिए हर विभाग के अधिकारियों को रेस कर दिया है। खाली पड़े पदों पर नियुक्तियों के सीएम ने सख्त निर्देश दिए हैं तो ढांचागत सुविधाओं के विकास कार्यों पर जोर दिया है। जो काम चल रहे हैं, उनकी गति तेज करने और जो काम होने हैं उन्हें हर हाल में सितंबर तक पूरा करने को सीएम ने कहा है।
हेमंत की गिरफ्तारी को इंडिया’बनाएगा हथियार
इस बीच इंडिया ब्लॉक के नेताओं को राज्य सरकार के काम पर जितना भरोसा ह, उससे अधिक वे हेमंत सोरेन की जमीन घोटाले में गिरफ्तारी को मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। जेएमएम की कमान व्यावहारिक तौर पर हेमंत सोरेन नवनिर्वाचित विधायक पत्नी कल्पना सोरेन ने संभाल ली है। पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिल रही हैं।
क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। विपक्षी गठबंधन की बैठक में शिरकत करने लगी हैं तो हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लाक को दो से बढ़ा कर उन्होंने पांच सांसदों तक पहुंचा दिया है। कहने को इंडिया ब्लाक में शामिल कांग्रेस के नेता इसका श्रेय राहुल गांधी को दे रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि चुनावी बेड़ा पार लगाने की जिम्मेवारी कल्पना ने ही अपने कंधों पर ली थी।
कल्पना के साथ इंडिया ब्लाक के नेता आदिवासी-मूलवासी की बड़ी आबादी को यह बताने की कोशिश करेंगे कि कैसे भाजपा के इशारे पर ईडी ने आदिवासी सीएम हेमंत सोरेन को जेल भेज दिया। इससे सहानुभूति लहर पैदा करने की कल्पना कोशिश करेंगी। लोकसभा चुनाव में इसका आंशिक लाभ उन्हें मिला भी है।
कल्पना का सीएम बनना विंधानसभा चुनाव तक टला
पति हेमंत सोरेन के जेल जाने के पहले ही कल्पना सोरेन को सीएम बनाए जाने की तैयारी हो चुकी थी। पर, पार्टी में किसी तरह की खटपट से बचने के लिए उन्हें हेमंत ने विधानसभा उपचुनाव जीतने तक इंतजार तक टाल दिया।
अब तो वे बाजाप्ता निर्वाचित विधायक बन गई हैं। चाहतीं तो किसी भी वक्त सीएम पद की शपथ ले सकती थीं। पार्टी में उनके नाम पर विरोध करने वाले भी किनारे हो गए हैं। जेठानी सीता सोरेन बीजेपी संग चली गई तो लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा जैसे पार्टी के विधायक लोकसभा चुनाव में बागी बनते ही किनारे कर दिए गए।
कल्पना की राह के कील-कांटे साफ हो चुके हैं। इसके बावजूद हेमंत सोरेन की सलाह मान कर कल्पना ने विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना ही बेहतर समझा है। यानी चंपाई सोरेन झारखंड के सीएम चुनाव तक तक तो पक्का बने रहेंगे। हेमंत सोरेन से ऐसी आश्वस्ति मिलने के बाद ही चंपाई सोरेन ने कामकाज की गति बढ़ा दी है। वे लगातार अलग-अलग विभागों की समीक्षा कर रहे हैं और अधिकारियों को काम में तेजी लाने का निर्देश जारी कर रहे हैं।
एनडीए तीन मुद्दों पर लड़ेगा असेंबली चुनाव
‘इंडिया’ के मुकाबले एनडीए ने तीन मुद्दों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। इसमें पहला मुद्दा है भ्रष्टाचार। झारखंड में मनरेगा घोटाला, खनन घोटाला, जमीन घोटाला, टेंडर कमीशन घोटाला, शराब घोटाला और सत्ता की दलाली की संस्कृति को एक साथ भ्रष्टाचार का कंबिनेशन बनाया है। एनडीए की कोशिश होगी कि सरकार के संरक्षण में हुए या हो रहे घोटालों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जाए। यह भी बताने की एनडीए पूरी कोशिश करेगा कि जिसे राज्य की कमान जनता ने सौंपी, वही भ्रष्टाचार का किंगपिन निकल गया। भाजपा का दूसरा मुद्दा होगा घुसपैठियों को राज्य सरकार का संरक्षण। संताल परगना क इलाकों में जिस तरह बांग्लादेशी घुसपैठियों ने अपनी शरण स्थली बना ली है, उससे डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव आया है। एनडीए का आरोप है कि राज्य सरकार जानते हुए भी इसकी खुली छूट दे रखी है। तीसरा मुद्दा नियोजन का है। राज्य की प्रतियोगी परीक्षाओं और रिक्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सरकार के साढ़े चार साल बीत गए, पर नियुक्तियों का मामला ज्यादातर घोषणाओं तक ही सीमित रह गया। भाजपा इसे राज्य के युवाओं के साथ छल मानती है।