रांची। अयोध्या की तर्ज पर अब पूरे देश में 22 जनवरी को छुट्टी की मांग होने लगी है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को अब झारखंड-बिहार में भी छुट्टी की मांग होने लगी है। झारखंड में सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा के दिन छुट्टी की मांग की है। साथ ही पूरे प्रदेश में शुष्क दिवस यानि मांस-मटन व शराब दुकानों को बंद करने की मांग की है। आपको बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को छुट्टी का ऐलान हो चुका है।
वहीं छत्तीसगढ़ में भी कई जिलों में 22 जनवरी को स्थानीय अवकाश की घोषणा की गयी है। इससे पहले 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ में सरकार ने पहले ही मांस-चिकन व शराब दुकानों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। झारखंड में सांसद के पत्र के साथ-साथ कुछ स्थानीय संगठनों की तरफ से भी 22 जनवरी को छुट्टी की मांग की जा रही है।
सांसद ने कहा कि इस महत्वपूर्ण और पवित्र दिन मेरा आपसे अनुरोध है कि 22 जनवरी को झारखंड में राजकीय अवकाश घोषित किया जाए। सांसद संजय सेठ ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखी चिट्ठी में कहा है कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है। ऐसे में इस दिन मांस-मदिरा की बिक्री पर भी रोक लगायी जाये। सांसद ने लिखा है कि 22 जनवरी भारतीय इतिहास का वह दिन है, जिसकी प्रतिक्षा सदियों से भारत का जनमानस कर रहा था। यह दिन इतने लंबे समय के संघर्ष, त्याग और तपस्या के बाद हम सबको मिला है। इस दिन को लेकर हमारा गौरव इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि झारखंड से भगवान श्रीराम का भी अनन्य प्रेम रहा है।
भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी की जन्मस्थली भी झारखंड ही है। सांसद संजय सेठ ने कहा कि निश्चित रूप से यह दिन सिर्फ हिंदू समाज के लिए नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए नहीं भूल पाने वाला दिन है। संविधान और शासन व्यवस्था में हम जिस रामराज्य की संकल्पना की बातें करते हैं, उसी राम की पुनःप्रतिष्ठा सदियों के बाद हो रही है। यह हम जनप्रतिनिधियों और शासन के लिए भी गौरव की बात है।