लोकतंत्र सवेरा न्यूज़ : छतरपुर जिले में कुछ ऐसा घटा जिसकी चर्चा सिर्फ मध्य प्रदेश में नहीं बल्कि पूरे देश में होने लगी। पहले थाने पर पथराव को लेकर जहां सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे तो अगले ही दिन पुलिस ने ऐसा ऐक्शन लिया कि लोग चौंक गए। एक आलीशान-चमचमाती हवेली को ‘पत्थर-पत्थर’ होते हुए पूरे देश ने टीवी पर देखा। इस पूरे घटनाक्रम में छतरपुर के आईपीएस अगम जैन की खूब चर्चा हो रही है। मिजाज से एक साहित्यकार यह आईपीएस अफसर यदि आपको कहीं सादी वर्दी में दिख जाएं तो हो सकता है कि उन्हें किसी ‘स्कूल-कॉलेज का लड़का’ समझ लें। लेकिन वह अपनी सख्ती को लेकर भी जाने जाते हैं। वह कलम और हथियार दोनों ही चलाने में माहिर हैं।
21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आंदोलन पूरे देश भर में चल रहा था। छतरपुर जिले में यह हिंसक हो उठा। भीम आर्मी और बीएसपी के प्रदर्शन के बीच कुछ लोगों ने उपद्रव शुरू कर दिया। शहर में कई जगहों पर आम दुकानदारों से मारपीट और तोड़फोड़ की खबरें आने लगीं। आंदोलन बेकाबू होने लगा। बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शहर के चौबे तिराहा के पास पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। इसी बीच पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों में बहस शुरू हो गई। माहौल बिगड़ने लगा। इसी बीच वहां खड़े एसपी अगम जैन ने तुरंत मोर्चा संभाला। उन्होंने सिपाहियों को पीछे किया और खुद हाथ में डंडा लेकर भीड़ से भिड़ गए। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पीछे खदेड़ दिया।
आईपीएस अगम जैन इससे पहले कि निश्चिंत हो पाते। अब बारी दूसरे मोर्चे की थी। सूचना मिली कि कोतवाली थाने पर भीड़ ने हमला कर दिया है। घटना में एडिशनल एसपी विक्रम सिंह परिहार, टीआई अरविंद कुजूर और दो अन्य सिपाही गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। घटना के बाद कई लोग यह भी सवाल करने लगे कि पुलिस अपने थाने की रक्षा नहीं कर पाई तो दूसरों को कैसे सुरक्षित रखेगी। हालांकि, अगले दिन जो हुआ उसके बाद छतरपुर पुलिस की सख्ती पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। सोशल मीडिया से लेकर राजनीति की गलियारों तक इस ऐक्शन पर ही बात हो रही है।
एसपी अगम जैन की अगुआई में पुलिस ने 46 लोगों पर नामजद और 150 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बात पुलिस के आत्म सम्मान और आम जनता में पुलिस का भरोसा कायम करने की थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की तरफ से सख्त ऐक्शन की हरी झंडी मिलते ही एक तरफ जहां आरोपियों की गिरफ्तारी को दबिश दी जाने लगी तो दूसरी तरफ छतरपुर में गरजते हुए पांच बुलडोजर मुख्य आरोपी शहजाद अली की नई नवेली हवेली की ओर बढ़ गए। एसपी अगम जैन की अगुआई में 6 घंटे तक गरजते रहे इन बुलडोजर ने करोड़ों की लागत से बनी हवेली को मिट्टी में मिला दिया। हवेली गिराए जाने के वीडियो टीवी चैनलों पर चले तो पूरे देश में इस ऐक्शन और आईपीएस अगम जैन की चर्चा होने लगी।
आईपीएस अगम जैन 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले हैं। अगम जैन एक बेहतरीन लेखक और कलमकार हैं। वह अब तक दो किताबें ‘UPSC डिकोड’ और कभी गांव गली कॉलेज जैसी बेहतरीन किताबें लिख चुके हैं। साहित्य और अपनी लेखनी के लिए अगम जैन कई बार अलग अलग मंचो से सम्मानित हो चुके हैं।
पत्थर कांड में हाजी शहजाद अली और उसके भाइयों के अलावा पर ऐक्शन लेना कोई आम बात नहीं। शहजाद अली के रसूख और राजनीतिक पकड़ की वजह से माना जाता था कि पुलिस उस पर हाथ नहीं डाल सकती है। अपनी एक आवाज पर हजारों लोगों को इकट्ठा कर लेने वाला शहजाद अली कांग्रेस पार्टी से जुड़ा रहा है। यही वजह है कि इलाके में उसका रौब था। लेकिन अब उसकी गली में भी अगम जैन की चर्चा है।