Budget 2024: सरकार 2024 के लिए पूर्ण बजट पेश करने की तैयारी कर रही है, ऐसे में उद्योग जगत और आम जनता के बीच उत्सुकता का माहौल है। बजट से पहले कई प्री-बजट मीटिंग आयोजित किए गए हैं, जिसमें अलग-अलग हितधारकों ने सरकार को अपने प्रस्ताव दिए हैं।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के पूर्व अध्यक्ष शुभ्राकांत पांडा ने 20 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। फिक्की के पूर्व अध्यक्ष शुभ्राकांत पांडा ने मांग को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने, खाद्य मुद्रास्फीति पर फोकस करने, MSME समर्थन करने पर जोर दिया है।
शुभ्राकांत पांडा ने कहा, “हम एक विवेकपूर्ण बजट की उम्मीद करते हैं जो त्वरित विकास के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत पर आधारित हो।”
FICCI Recommendations Budget 2024: फिक्की की प्रमुख 5 सिफारिशें क्या-क्या हैं?
🔴 निवेश फोकस रखें: फिक्की ने सरकार को भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए सार्वजनिक पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर अपना ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
🔴 नवाचार और अनुसंधान-विकास को प्राथमिकता दें: फिक्की ने उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट में घोषित 1 लाख करोड़ रुपये के कोष को क्रियान्वित करने पर फोकस करने को कहा है।
इसमें कहा गया है कि मौजूदा पेटेंट बॉक्स व्यवस्था की समीक्षा करने और ऐसे नवाचार क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव करते हैं जो निजी क्षेत्र, शिक्षाविदों, निवेशकों, स्टार्ट-अप और सरकार द्वारा वित्तपोषित अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक साथ लाते हैं।
🔴 टैक्स मैनेजमेंट को सिंपलीफाई करना: फिक्की ने टैक्स कटौती (टीडीएस) प्रावधानों और पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को सरल बनाने पर जोर दिया है।
🔴 MSMEs को नकदी और वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाना: फिक्की ने ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (टीआरईडीएस) प्लेटफॉर्म पर कंपनियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए योग्यता टर्नओवर मानदंड को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है।
🔴 निर्यात को बढ़ावा: फिक्की ने भारतीय निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए ड्यूटी ड्रॉबैक और निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) की दरों को संशोधित करने की सिफारिश की है।