नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर किए गए बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाई है। मंगलवार को CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसकी प्रक्रिया में कोई उचित कदम नहीं उठाए गए थे, और यह पूरी तरह से मनमानी है।
सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारियों ने बिना नोटिस जारी किए किसी के घर में घुसकर उसे तोड़ दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार कानून का बेजा इस्तेमाल कर रही है। CJI ने कहा, “आप घरों को इस तरह कैसे तोड़ सकते हैं? यह अराजकता है। आपको लोगों को घर खाली करने का मौका तक नहीं दिया गया।”
जस्टिस जेबी पारदीवाला ने यूपी सरकार के वकील से सवाल किया कि पिछले 50 वर्षों में क्या किया गया है और यह भी कहा कि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि सड़क चौड़ीकरण सिर्फ एक बहाना था और ऐसा नहीं होना चाहिए था कि बुलडोजर लेकर आकर रातों-रात मकान गिरा दिए जाएं।
कोर्ट ने यूपी सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और कहा कि इस मामले की जांच आवश्यक है। याचिकाकर्ता मनोज टिबरेवाल ने 2019 में सड़क चौड़ीकरण के लिए अपने घर के विध्वंस के खिलाफ याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
कोर्ट ने यूपी सरकार से सभी आवश्यक दस्तावेज पेश करने की मांग की, जिसमें यह दिखाना शामिल था कि सड़क की मूल चौड़ाई क्या थी और अतिक्रमण को चिह्नित करने के लिए कोई जांच की गई थी या नहीं। कोर्ट ने साफ किया कि इस प्रकार की कार्रवाई बिना उचित प्रक्रिया के नहीं की जा सकती।