नयी दिल्ली। किसानों को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। धान सहित कई फसलों का समर्थन मूल्य केंद्र सरकार ने बढ़ा दिये हैं। आज हुई कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाने की मंजूरी दी। मोदी सरकार ने अरहर, मूंग और उड़द दाल की एमएसपी यानि न्यूनत्तम समर्थन मुल्य में बढ़ोतरी कर दी है। सरकार ने मूंग दाल का समर्थन मूल्य सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत बढ़ाया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फैसले के बाद मीडिया को बताया कि कम महंगाई में सरकार ने किसानों के हित में यह फैसला लिया है। 2183 रुपया क्विंटल धान की एमएसपी की गई है। ज्वार की एमएसपी 3180 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. ए ग्रेड का धान 2203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।खरीफ फसलों जैसे धान(कॉमन) के एमएसपी को 2040 रुपये से बढ़ाकर 2183 प्रति क्विंटल कर दिया है. ग्रेड ए धान के एमएसपी को 2060 रुपये से बढ़ाकर 2203 प्रति क्विंटल कर दिया है. मक्के के एमएसपी को 1962 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2090 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
मोदी कैबिनेट की बैठक में 2023-24 मार्केटिंग सीजन के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी पर मुहर लगा दी गई। कैबिनेट ने 2023-24 मार्केटिंग सीजन के लिए दूसरे खरीफ फसलों जैसे धान(कॉमन) के एमएसपी को 2040 रुपये से बढ़ाकर 2183 प्रति क्विंटल कर दिया है. ग्रेड ए धान के एमएसपी को 2060 रुपये से बढ़ाकर 2203 प्रति क्विंटल कर दिया है.
फैसले के मुताबिक अरहर दाल के एमएसपी में 400 रुपये की बढ़ोतरी कर 7000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। उड़द दाल की एमएसपी में भी 350 रुपये की बढ़ोतरी कर 6950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. मूंग के एमएसपी में 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी कर 7755 रुपये से बढ़ाकर 8558 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में अरहर दाल की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। अरहर दाल की एमएसपी फिलहाल मूंग दाल की एसएसपी 7755 रुपये प्रति क्विंटल से कम है। देश में अरहर दाल की खपत को पूरा करने सरकार ने 2023-24 मार्केटिंग सीजन के लिए अतिरिक्त मात्रा में अरहर दाल का आयात किया है, जिससे घरेलू मार्केट में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने तीन दालों तुअर, उड़द और मसूर के लिए फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 40 प्रतिशत खरीद की सीमा हटा दी है। सरकार ने यह कदम घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाया है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि इस साल किसान पीएसएस के तहत कितनी भी मात्रा में अपनी तुअर, उड़द और मसूर की उपज को बेच पाएंगे।