जादूगोड़ा : गुरुवार प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जादूगोड़ा, एवम कदमा शाखा की ओर से आयोजित सात दिवसीय द्वादश ज्योतिर्लिंग मले के तीसरे दिन भी स्थानियो लोगो की अच्छी संख्या रही, सुबह की आरती में जादूगोड़ा दुर्गा मण्डली की सभी बहने पहुंची और आरती की, ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट किया। संध्या की आरती में जादूगोड़ा मारवाड़ी महिला मंच की ज्योती अग्रवाल, अलका अग्रवाल सुनीता अग्रवाल के साथ सभी सदस्य मौजूद थे बी के संजू दीदी और गंगा बहन ने उन्हें अंगवस्त्र और ईश्वरीय सौगात भेंट कर सम्मानित किया ,उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज द्वारा बिना भेदभाव किए समाज के हर तबके के जीवन को श्रेष्ठ बनाने का जो प्रयास कर रही है उसकी कितनी भी प्रशंसा की जाए कम है, संध्या आरती उपरांत बच्चो द्वारा बड़ी ही मनोहर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत की गयी. अपने वक्तव्य में ब्रह्मकुमारी संजू दीदी ने उपस्थित श्रद्धालुओं और जिज्ञाशूओ को राजयोग की महता बताते हुए कहा कि राजयोग स्वयं शिव परमात्मा दिया हुआ एक सबसे सरल विधि और वरदान है
जिसे हम अपने घर ग्रहस्त में रहते हर ,लौकिक कार्य , उधोग धंधा और नॉकरी करते हुए भी कर सकते है, अपनी आत्मा रूपी बैटरी को सहज ही शक्ति शाली बना सकते है इस विधि से हम अपने सत्य स्वरूप में टिक कर शिव परमात्मा से अपने मन बुद्धि को जोड़ते है,जिससे धीरे धीरे हमारे संकल्पों , विचोरो, वाणी, दृस्टि और वृत्ति शुद्ध और पवित्र होने लगती है , हमारा लौकिक जीवन में अति महत्वपूर्ण बदलाव आता है पुराने असुद्ध संस्कार बदल कर श्रेष्ट हो जाते है, सम्बन्धों में मधुरता आती है, यह स्वपरिवर्तन ही हमारे कर्मो को श्रेस्ठ बनाती है, हमारे श्रेस्ठ कर्म हमें आंतरिक सुख शांति के साथ लौकिक जीवन मे भी बहुत समृद्धि और सफलत की बुलंदियों की ओर के जाती है।
लेकिन इसके विपरीत अध्यात्म और श्रेष्ठ विचारों के अभाव में भले ही हम भौतिक पदार्थों में खुशियां ढूंढने के लिये पूरा जीवन लगा देते है फिर भी उल्टा वही दुःख का कारण बनती है, यही कारण है कि आज अधिकांश मनुष्य स्वयं से ही दूर हो बैठा है, यह मृग तृष्णा समाज मे और वयक्तिगत तौर पर हमारे अपने संस्कारो और संकल्पों पर बुरा असर करती है आज अत्यधिक लालच स्वार्थ के कारण मन प्रदूशित हो गया है, चंचलता बढ़ गयी है, धन होते हुए भी अशांति है, काम क्रोध ,लोभ मोह, अहंकार, ईर्ष्या, भय की अधिकता हो गयी है, संसार मे नैतिक मूल्यों का दिनों दिन पतन होते जा रहा है, सम्पति और धन के लिए भाई भाई में वैमनष्य, बात बात में युगल में टकराव और बिखराव, समाज भी अनेक जात पात, धर्म, और मजहब में बट गया है,क्योंकि खुद पर ही कोई नियंत्रण नही है , गाड़ी का ड्राइवर (आत्मा) ही सोया हुआ हो तो एक्सीडेंट होना लाजिम है, सायद ही कोई कहे कि उसे क्रोध नही आता,राजयोग वो जरिया है जिससे हम स्वयं के राजा बनते है हमे अपनी वस्तविक पहचान मिलती है हमारे हमारे अज्ञानता के सारे बन्द दरवाजे खुलते जीयेंगे, राजयोग केवल मन की चंचलता समाप्त कर एकाग्रता लाने की ही विधि नही है यह अभ्यास शिवपरमात्मा से सम्बंध बनाने का भी है इसलिए राजयोग की पूरी जानकारी के लिये सेंटर पर सात दिन का कोर्स आवश्यक है जो निशुल्क सब के लिये उपलब्ध है ब्रह्माकुमारी गंगा बहन, शिवानी बहन एवम प्रीति बहन द्वारा मेले में आये विसिष्ठ मेहमानों को अंगवस्त्र और ईश्वरीय सौगात दे कर समानित किया गया। सभी से अपील किये की मेले में ज्यादा से ज्यादा आकर द्वादशज्योर्तिलिंगो का दर्शन कर आत्मिक लाभ ले।