लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में थाने में मोहित पांडे नाम के युवक की हत्या के मामले में अब सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. थाने के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार चतुर्वेदी को हटा दिया गया है और अब सब इंस्पेक्टर भरत कुमार पाठक को थाने का चार्ज दिया गया है. अश्विनी कुमार चुतलखनऊर्वेदी के खिलाफ यह कार्रवाई चिनहट थाने में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के बाद हुई है. इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के खिलाफ मोहित पांडे की हत्या का केस दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ यह कार्रवाई आज दिन भर चले हंगामे के बाद हुई है. दरअसल थाने में मोहित पांडे की मौत के बाद उसकी मां तपेश्वरी देवी की शिकायत पर थाना प्रभारी अश्वनी कुमार चतुर्वेदी सहित तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. परिजनों ने पुलिस पर अत्यधिक पिटाई करने का आरोप लगाया था. मोहित पांडे की मौत के मामले में पुलिस की कार्रवाई में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी के मुताबिक मोहित पांडे को चिनहट थाने पर शुक्रवार रात 10:56 बजे लाया गया था।
रात भर थाने में रखने के बाद अगले दिन (शनिवार) दोपहर 1.05 पर उसकी गिरफ्तारी दिखाई गई। दरअसल शुक्रवार को बच्चों के झगड़े में विवाद के बाद पुलिस ने मोहित पांडे और उनके भाई शोभाराम को हिरासत में लिया था. शनिवार को कोर्ट ले जाने के दौरान मोहित की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इस मामले में चिनहट थाने के लॉकअप का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि मोहित पांडे के हाथ पैर ऐंठने लगे तो हवालात में ही बगल में बैठा युवक बिगड़ती तबीयत देख पीठ पर हाथ से सहला रहा है. वहीं, लॉकअप के गेट पर बैठे एक युवक ने पानी की बोतल दी, जबकि दूसरे ने पहरे पर खड़ी महिला कांस्टेबल को दी सूचना. इसके बाद अस्पताल में उसकीमौत की खबर सामने आई थी. इस मामले के बाद यूपी पुलिस भी सवालों के घेरे में है. कस्टोडियल डेथ को लेकर मुख्य विपक्षी दला सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि यह मानना चाहिए कि थाने अत्याचार गृह बन गए हैं. थानों में जहां जनता अपनी शिकायत और परेशानी लेकर आती है, पुलिस सुन नहीं रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस के जरिए ही सरकार चलाने की कोशिश की जा रही है।