नई दिल्ली : मणिपुर में बुधवार को भूकंप के दो तेज झटके लगे, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) मणिपुर केंद्र के अनुसार, एक घंटे के भीतर मणिपुर के विभिन्न हिस्सों में 5.7 और 4.1 तीव्रता के दो भूकंप आए। हालांकि, फिलहाल जानमाल के किसी बड़े नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन भूकंप से कुछ इमारतों में मामूली क्षति की खबरें आई हैं।
भूकंप का केंद्र था मणिपुर का कामजोंग…
आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में दोनों भूकंप का केंद्र कामजोंग जिले में था। पहला भूकंप सुबह 11.06 बजे के आसपास आया, जबकि दूसरा झटका दोपहर 12.20 बजे महसूस किया गया। इन झटकों के बाद असम, मेघालय और आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप के दोहरे झटके के कारण मणिपुर में कुछ इमारतों और संरचनाओं को मामूली नुकसान हुआ है। हालांकि, राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, यह राहत की बात है।
इमारतों में आई दरारें, राहत शिविर प्रभावित…
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मणिपुर के थौबल जिले के वांगजिंग लमदिंग स्थित एक स्कूल की इमारत में दरारें आ गईं। यह स्कूल राहत शिविर के रूप में इस्तेमाल हो रहा था, जिसमें जातीय संघर्ष से प्रभावित लोग शरण लिए हुए थे। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाया गया कि भूकंप के कारण इमारत की दीवारों में दरारें पड़ गईं, जिससे राहत शिविर में रह रहे लोगों के लिए असुविधा हो सकती है।
मणिपुर के अन्य हिस्सों में भी कुछ इमारतों में दरारें आई हैं, लेकिन बड़े ढांचागत नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है और विशेषज्ञों द्वारा स्थिति की निगरानी की जा रही है।
मणिपुर में भूकंप की बार-बार होने वाली घटनाएं…
मणिपुर, जो पूर्वोत्तर भारत का हिस्सा है, भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। यहां समय-समय पर हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहे हैं। मणिपुर के साथ-साथ अन्य राज्य जैसे असम और मेघालय भी भूकंप के जोखिम वाले क्षेत्र में आते हैं। स्थानीय प्रशासन और राहत दल ने पहले ही किसी भी प्रकार के आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर रखी है। मणिपुर के मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
भूकंप के झटकों से घबराए लोग…
भूकंप के बाद मणिपुर में लोग दहशत में आ गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने भूकंप के समय की तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जिनमें स्कूलों और अन्य इमारतों में आई दरारें दिखाई गईं। कई लोग इस दौरान सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ते नजर आए। गौरतलब है कि मणिपुर में आने वाले भूकंपों की तीव्रता अक्सर 4 से 5 के बीच रहती है, लेकिन इस बार झटके थोड़ा अधिक तीव्र थे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र भूकंप के दृष्टिकोण से सक्रिय रहता है और यहां के निवासियों को भूकंप के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
प्रशासन और विशेषज्ञों की तत्परता….
वहीं, मणिपुर प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) स्थिति पर नजर बनाए हुए है। राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है और सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है। इसके साथ ही, क्षेत्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र भी लगातार भूकंप की गतिविधियों पर निगरानी रखे हुए है।
