New Delhi : टाटा पावर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी कई रणनीतिक परियोजनाओं में 4.25 अरब डॉलर के वित्तपोषण का मूल्यांकन करने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के साथ एक शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. टाटा पावर ने बयान में कहा कि अजरबैजान के बाकू में एडीबी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. कंपनी ने कहा, ‘भारत के बिजली बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उसने अपनी कई रणनीतिक परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण का मूल्यांकन करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. टाटा पावर ने कहा कि कुल अनुमानित परियोजना लागत लगभग 4.25 अरब डॉलर है।
यह एमओयू कई प्रमुख चल रही परियोजनाओं जैसे कि 966-मेगावाट सौर पवन हाइब्रिड परियोजना और पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजना और ऊर्जा बदलाव से संबंधित अन्य परियोजनाएं. टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘एडीबी के साथ सहयोग एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि हम परिवर्तनकारी बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अभिनव वित्तपोषण समाधानों की खोज कर रहे हैं. यह समझौता ज्ञापन भारत की स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को आगे बढ़ाने और हमारे बिजली बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने, टिकाऊ और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.’’
एडीबी के निजी क्षेत्र परिचालन महानिदेशक सुजैन गबौरी ने कहा, ‘एडीबी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. टाटा पावर के पास 15,010 मेगावाट का विविध पोर्टफोलियो है, जो अक्षय और पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन से लेकर पारेषण एवं वितरण, व्यापार, भंडारण समाधान तथा सौर सेल एवं मॉड्यूल निर्माण तक पूरी बिजली मूल्य श्रृंखला में फैला हुआ है।