गिरिडीह : गिरिडीह में प्रसूता की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल रेफर करना और सहियाओं के द्वारा मरीज को निजी अस्पताल पहुचाने के कई मामले सामने आ चुके हैं. गिरिडीह में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया है. दरअसल, राजेंद्र नगर की रहने वाली प्रीति देवी की मौत इलाज के दौरान हो गई है. मृतका के पति मुकेश गोस्वामी ने बताया कि मृतका प्रीति देवी को प्रसव पीड़ा उठने के बाद रात दो बजे गिरिडीह के चैताडीह स्थित मातृत्व शिशु इकाई केंद्र लाया गया।
जहां तबियत बिगड़ते देख मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीज को प्राइवेट अस्पताल लेकर जाने कहा गया. जिसके बाद अस्पताल में मौजूद सहिया द्वारा मरीज को निजी नर्सिंग अस्पताल लाया गया. परिजनों ने बताया नवदीप नर्सिंग होम पहुँचने के बाद डॉक्टर ने बड़ा ऑपरेशन की बात कही और तबियत और बिगड़ने लगी जिसके बाद दूसरे अस्पताल ले जाने के क्रम में यह हादसा हुआ.वहीं प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने नवदीप नर्सिंग होम में हंगामा किया, जिसके बाद पचम्बा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया।
वही इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने बताया की मरीज पहले से गंभीर रूप से बीमार थी उनके गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें रेफर कर दिया गया था और उनकी मौत इस अस्पताल परिसर में नहीं हुई है. इस मौक़े पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के गिरिडीह अध्यक्ष डॉ विद्या भूषण ने कहा कि इस तरह के मामले प्रत्येक दिन आ रहे हैं. डॉक्टर की गलती नहीं रहती बावजूद इसके उन्हें निशाना बनाया जाता हैं. बहरहाल मामले चाहे जो भी हो मगर गिरिडीह में प्रसूता की मौत और सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल रेफर करने के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. जिस पर स्वास्थ्य विभाग का कोई कंट्रोल नजर नहीं आता है।