Endometriosis: यह बीमारी भारत में करीब 4 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित कर रही है। ये एक ऐसी स्थिति है जहां गर्भाशय की भीतरी परत, जिसे Endometriosis कहा जाता है, गर्भाशय के बाहर फैल जाती है।
हेल्थ डेस्क (लोकतंत्र सवेरा न्यूज़) : What is endometriosis? एंडोमेट्रियोसिस, एक ऐसी बीमारी जिसका नाम लेना भी शायद हम समाज में सहज न कर पाएं, लेकिन सच्चाई ये है कि ये भारत में करीब 4 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करती है। ये एक ऐसी स्थिति है जहां गर्भाशय की भीतरी परत, जिसे Endometriosis कहा जाता है, गर्भाशय के बाहर फैल जाती है और अन्य अंगों, खासकर अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और पेरिटोनियम पर टिकी रहती है। कई बार यह इंटेस्टाइंस और मूत्रनलिकाओं तक भी पहुंच सकती है।
Endometriosis- क्या कहते हैं आंकड़े?
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 10% प्रजनन उम्र (Reproductive Age) की महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से प्रभावित हैं। इसका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 24.7 करोड़ लड़कियां और महिलाएं और भारत में लगभग 4.2 करोड़ लड़कियां और महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
Endometriosis- बढ़ती चिंता
– 2023-24 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अनुमान बताते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस से प्रभावित महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
– शहरी क्षेत्रों में इसकी पहचान अधिक हो रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी के चलते निदान कम हो सकता है।
Endometriosis- लक्षण जिनपर ध्यान देना जरूरी
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में तीव्र दर्द सबसे आम है। इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण हैं, मासिक धर्म से पहले और दौरान तेज दर्द (डिसमेनोरिया), संभोग के दौरान या बाद में दर्द, पेल्विक दर्द जो मासिक धर्म चक्र से असंबंधित होता है, बेवजह बांझपन, अत्यधिक रक्तस्राव या अनियमित माहवारी वहीं थकान और मूत्र त्याग में समस्याएं भी Endometriosis के लक्षण गंभीर लक्षण हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर महिला में सभी लक्षण नहीं दिखाई देते और कई बार तो कोई लक्षण बिल्कुल नहीं होते। इसलिए किसी भी तरह के असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें और चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
Endometriosis- कारण अब भी पहेली
Endometriosis के सटीक कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है। कुछ संभावित कारणों में रेट्रोग्रेड मासिक धर्म (जहां मासिक धर्म का रक्त फैलोपियन ट्यूब के जरिए श्रोणि गुहा में पहुंच जाता है, आनुवांशिकी और हार्मोनल असंतुलन शामिल हैं।
Endometriosis- समय पर निदान और उपचार जरूरी
Endometriosis का जल्द निदान और उपचार महत्वपूर्ण है। शुरुआती दौर में ही इसका पता लगा लेने से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। निदान के लिए डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, शारीरिक जांच, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और कभी-कभी लैप्रोस्कोपी सहित विभिन्न टेस्ट कर सकते हैं।
उपचार का तरीका रोग की गंभीरता, लक्षणों और मरीज की इच्छा के आधार पर तय किया जाता है। इसमें दर्द कम करने वाली दवाइयां, हार्मोनल थेरेपी और सर्जरी शामिल हो सकती हैं। गंभीर मामलों में गर्भाशय को पूरी तरह से निकालना भी जरूरी हो सकता है।
Endometriosis- जागरूकता अभियान
– पिछले साल से कई गैर-सरकारी संगठनों और चिकित्सा संस्थाओं द्वारा एंडोमेट्रियोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
– सोशल मीडिया पर भी #EndoWarriors जैसे अभियानों से महिलाओं को अपनी कहानियां साझा करने और सहयोग बढ़ाने का मंच मिला है।
Endometriosis- जागरूकता ही बचाव
एंडोमेट्रियोसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। महिलाओं को इस बीमारी के बारे में जानकारी होना, लक्षणों को पहचान पाना और बिना किसी हिचकिचाहट के डॉक्टर से सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, समाज में भी इस बीमारी के प्रति संवेदनशीलता और खुलेपन की जरूरत है, ताकि महिलाएं बिना किसी डर या भेदभाव के इलाज करवा सकें।
याद रखें, Endometriosis एक आम बीमारी है और इसका इलाज संभव है। समय पर पहचान और सही उपचार से महिलाएं एक स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकती हैं।