रायपुर। शराब घोटाला केस में फंसे पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल मंगलवार को रिमांड खत्म होने ईडी ने विशेष अदालत में पेश किया। ईडी ने रिमांड की अवधि बढ़ाने की मांग की है। अदालत में सुनवाई चल रही है। सोमवार को ED ने बताया कि 2019-2022 के बीच में 2500 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है, जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है। ED ने बताया कि चैतन्य बघेल के पास 16 करोड़ 70 लाख की अवैध कमाई पाई गई है। रकम को अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए वैध दिखाने की साजिश की। ED ने बताया कि 16.70 करोड़ रुपए की अवैध कमाई (POC) चैतन्य बघेल के पास पाई गई है। इस राशि को उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के जरिए वैध दिखाने की साजिश की। नकद भुगतान, बोगस बैंक एंट्रीज और कॉन्ट्रेक्टर को कैश देने जैसी रणनीति के जरिए काले धन को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में खपाया गया। ED के मुताबिक त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर एक योजना बनाई, जिसके तहत ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर उनके “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदे गए। चैतन्य को 5 करोड़ रुपए मिले। बैंकिंग रिकॉर्ड से पता चला है कि उस दौरान त्रिलोक सिंह ढिल्लो को शराब सिंडिकेट से पैसा मिला था, जिसे बाद में चैतन्य को ट्रांसफर किया गया।
