“जादूगोड़ा से हमारे प्रतिनिधि की एक खास रिपोर्ट” :जहरीले सांपों को देखकर लोग अक्सर डर जाते है, अगर सांप किसी के घर में निकल जाए तो तुरंत उसे भगाने व मारने की जुगत में लग जाते है. लेकिन जादूगोड़ा थाना अंतर्गत राखा मोड़ मे एक शख्स ऐसा है जो अपनी जान जोखिम में डालकर सांपों की जान बचा रहा है. राखा मोड़ के गौरव साह (19 वर्ष) एक सर्पमित्र है. गौरव साह सांपों का रेस्क्यू करने का काम 3 साल से कर रहे है. उन्होंने, पिछले 3 साल में लगभग हजार से अधिक सांपों का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा है।
गौरव साह का कहना है कि टीवी और यूट्यूब से उन्होंने जहरीले सांपों का रेस्क्यू करना सीखा है. गौरव साह ने बताया कि उनके घर में सांप आ गया था तो उसने बिना डरे सांप का रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया था. तभी से गौरव साह सर्प रेस्क्यू का काम कर रहे है. इस बात को लेकर उनके परिजन उनसे काफी नाराज भी है. परिजनों ने अनेकों बार सांपों से दूर रहने को कहा लेकिन वे नहीं माने।
गौरव क्षेत्र में जब भी सांप आता है तो वे उसका रेस्क्यू करता है. उसका कहना है कि कई जगहों पर सांप निकलने पर लोग उसे लाठी डंडों से पीट कर मार देते है, यह ठीक नहीं है. सांप खुद के बचाव के लिए एक सुरक्षित जगह ढूंढता रहता है इसलिए वह अनजाने में घर में घुस आता है।
जब तक उसे कोई परेशान नहीं करता है तब तक वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन लोग सांप को देखते ही उसे मार देते हैं. इसलिए उसने ठाना की वे सर्प रेस्क्यू का कार्य जारी रखेंगे।
सांप को पकड़ने के बाद जंगल में छोड़ देता है….
आए दिन गौरव के मोबाइल पर सांप दिखने की सूचना मिलती रहती है. सूचना मिलने के तुरंत बाद ही वे सांप को पकड़ने के लिए पहुंच जाते हैं, वहा सांप का रेस्क्यू करते है. उन्होंने सांप पकड़ने की कला मोबाइल और टेलीविजन से सीखी है. सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ देने के उनके इन प्रयासों ने इलाके के लोगों की सांपों के प्रति सोच ही बदल रही है. क्षेत्र में प्रति वर्ष घर में घुस आए सांपों के कारण सैकड़ों लोग सर्प दंश के शिकार होते हैं. कई लोगों की मौत तक हो जाती है. यही नहीं हजारों की संख्या में सांपों को मारा भी जाता है।
गौरव साह के सांपों का रेस्क्यू करने के बाद इन आंकड़ों में बहुत ज्यादा गिरावट आई है. अब घरों में सांप घुसते ही लोग सांप मारने वालों के बजाए गौरव साह को याद करते हैं वे उस सांप को पकड़ लाते है और उसे जंगल में छोड़ देते हैं. वे विगत 2 वर्ष से यह काम कर रहे है और वह अब तक लगभग 1000 से अधिक सांपों को पकड़ कर जंगल में छोड़ चुके हैं।