रंजन कुमार गुप्ता/ जादूगोड़ा : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रंकिणी मंदिर, जादूगोड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए 1503.62 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है. यह राशि वित्तीय वर्षं 2024-25 से 2025 -26 तक अधिसूचित वनभूमि पर वृक्षारोपण एवं भू-संरक्षण योजना (जनजाताय क्षेत्र उपयोजना) के अंतर्गत खर्च की जाएगी. इस पहल से न केवल मंदिर क्षेत्र का विकास होगा बल्कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
पर्यटकों की संख्या में वृदि होगी जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय जैसे होटल, रेस्तरां, व्यवसाय परिवहन और हस्तशिल्प में तेजी आएगी. इस योजना के तहत सड़कें, परिवहन व्यवस्था, पेयजल सुविधा और स्वच्छता के क्षेत्र में सुधार किया जाएंगा. इस पहल से क्षेत्र की समृद्ध जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को भी बढावा मिलेगा. योजना के अंतर्गत मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओंका विकास, सड़कों का चौड़ीकरण और मरम्मत, पेयजल आपूरति में सुधार और पर्यटकों के लिए शोचालय का निरमांण कार्यं शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रस्ताव और योजना प्राधिकत समिति हेतु संलेख प्रारूप पर भी अपनी मंजूरी दे दी है. यह परियोजना क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी।
रंकिणी मंदिर, जिसे कापड़गाड़ी घाट रंकिणी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड के जमशेदपुर के जमशेदपुर के पास जादूगोड़ा के निकट स्थित है. यह मंदिर पोटका ब्लाक के बांसिला ग्राम पंचायत के रोहिणीबेरा गांव में स्थित है. यह हाता-जादूगोड़ा राज्य राजमार्ग के पास स्थित है. माना जाता है कि मंदिर में स्थापित पत्थर की मूर्ति, देवी काली का भौतिक अवतार है. शुरुआती दिनों में पुजारी आदिवासी भूमिज समुदाय से होते थे. तब से लेकर आज तक भूमिज समुदाय के पुजारी ही मंदिर में पूजा करते हैं।
रंकणी मंदिर को विकसित करने के लिए इससे पहले लगभग 19 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाएं जमीन पर उतरी है. वहीं अब राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा मंदिर समेत आस पास मे विकास के लिए 1503.62 लाख रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करके क्षेत्र में रोजगार का नया अवसर प्रदान किया है. इससे पूर्व रंकणी मंदिर में सीढ़ी, गाढ़वाल निर्माण, मंदिर के दोनों छोर में तोरण द्वार, तीनों मंदिरों का रंगाई व विवाह मंडप बनकर तैयार है. संजीव सरदार, विधायक, पोटका।
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