गोविंद पाठक की कलम से….
यह वैसी ही स्थिति थी कि मरते हुए व्यक्ति से यह पूछा जाए कि आपको कैसा महसूस हो रहा है…जमशेदपुर : झारखंड में आफत की बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। वहीं कुछ समाजसेवी और जनप्रतिनिधि उनकी समस्या का समाधान करने के नाम पर लगातार दौरा कर रहे हैं। असल में वे लोगों की समस्या का समाधान की जगह अपनी ख्याति बढ़ाने में लगे हुए हैं। वे फोटो सेशन करा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अपना फेस वैल्यू बढ़ा रहे हैं। अपने आपको बहुत ज्यादा पीड़ितों का हमदर्द बताने का प्रयास कर रहे हैं। यह सब आगामी होने वाले चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए किया जा रहा है। कोई अपने को हमदर्द के रूप में अपना टिकट पक्का करना चाह रहा है। जनता के बीच में अपने वोट बैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहता है। जबकि उनके दौरा से समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। दौरे से बाढ़ पीड़ितों को और ज्यादा परेशानी बढ़ रही है। बाढ़ पीड़ित आश्वासन का भाषण सुनकर परेशान हो चले हैं। उन्हें आश्वासन नहीं, समाधान चाहिए। हलाकी बहुत से सामाजिक संस्था, जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ पीड़ितों को बढ़-चढ़कर मदद पहुंचाई है। जो ना काफी है। जबकि कोल्हान के तीनों उपायुक्त अपने पूरे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सड़क पर उतर कर बाढ़ की समस्या से जूझ रहे लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। वह सराहनीय है। इन अधिकारियों के प्रयास से ही समय रहते बड़ी घटनाओं को टाला जा सका गया है। यही स्थिति झारखंड प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिला है कुछ एक घटना को छोड़कर कोई बड़ी बड़ा घटना नहीं हुआ है। इस दौरान जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के विधायक सरयू राय, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी, समाजसेवी चिंटू सिंह, चंदन यादव, राजकुमार सिंह सहित दर्जनों समाजसेवियों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों के लिए दिल खोलकर कर मदद किया है। लेकिन कुछ राजनीतिक दल के नेता केबल फोटो खिंचवा कर वाह वाही लूटने में लगे रहे। यह वैसी ही स्थिति थी कि मरते हुए व्यक्ति से यह पूछा जाए की आपको कैसा महसूस हो रहा है। समय रहते आश्वासन की जगह पीड़ित लोगों के लिए मदद पहुंचाई जाए। दूसरी ओर मौसम विभाग के अनुसार 26 अगस्त तक या आफत की बारिश जारी रहेगा। इसके लिए मौसम विभाग ने कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट तक जारी किया गया है। बारिश खत्म होने के बाद भी समस्याओं का पहाड़ जस का तस बना रहेगा। कचरे का अंबार, दूषित पानी का जमाव, विभिन्न तरह के जीवाणु और विषाणु ओं का हमला, बीमारी के रूप में उभर कर आएगा। उससे लोगों को बचाने के लिए एक लड़ाई और लड़नी होगी ।जिसके लिए जनप्रतिनिधि, विभिन्न सामाजिक संस्थान और जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर लोगों के मदद के लिए आगे आना पड़ेगा ।तब जाकर बाढ़ से पीड़ित लोगों को समय रहते राहत पहुंचाया जा सकेगा।
जमशेदपुर : झारखंड में आफत की बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। वहीं कुछ समाजसेवी और जनप्रतिनिधि उनकी समस्या का समाधान करने के नाम पर लगातार दौरा कर रहे हैं। असल में वे लोगों की समस्या का समाधान की जगह अपनी ख्याति बढ़ाने में लगे हुए हैं। वे फोटो सेशन करा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अपना फेस वैल्यू बढ़ा रहे हैं। अपने आपको बहुत ज्यादा पीड़ितों का हमदर्द बताने का प्रयास कर रहे हैं। यह सब आगामी होने वाले चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए किया जा रहा है। कोई अपने को हमदर्द के रूप में अपना टिकट पक्का करना चाह रहा है। जनता के बीच में अपने वोट बैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहता है।
जबकि उनके दौरा से समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। दौरे से बाढ़ पीड़ितों को और ज्यादा परेशानी बढ़ रही है। बाढ़ पीड़ित आश्वासन का भाषण सुनकर परेशान हो चले हैं। उन्हें आश्वासन नहीं, समाधान चाहिए। हलाकी बहुत से सामाजिक संस्था, जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ पीड़ितों को बढ़-चढ़कर मदद पहुंचाई है। जो ना काफी है। जबकि कोल्हान के तीनों उपायुक्त अपने पूरे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सड़क पर उतर कर बाढ़ की समस्या से जूझ रहे लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। वह सराहनीय है। इन अधिकारियों के प्रयास से ही समय रहते बड़ी घटनाओं को टाला जा सका गया है। यही स्थिति झारखंड प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिला है कुछ एक घटना को छोड़कर कोई बड़ी बड़ा घटना नहीं हुआ है।
इस दौरान जमशेदपुर
पूर्वी विधानसभा के विधायक सरयू राय, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी, समाजसेवी चिंटू सिंह, चंदन यादव, राजकुमार सिंह सहित दर्जनों समाजसेवियों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों के लिए दिल खोलकर कर मदद किया है। लेकिन कुछ राजनीतिक दल के नेता केबल फोटो खिंचवा कर वाह वाही लूटने में लगे रहे। यह वैसी ही स्थिति थी कि मरते हुए व्यक्ति से यह पूछा जाए की आपको कैसा महसूस हो रहा है। समय रहते आश्वासन की जगह पीड़ित लोगों के लिए मदद पहुंचाई जाए। दूसरी ओर मौसम विभाग के अनुसार 26 अगस्त तक या आफत की बारिश जारी रहेगा। इसके लिए मौसम विभाग ने कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट तक जारी किया गया है।
बारिश खत्म होने के बाद भी समस्याओं का पहाड़ जस का तस बना रहेगा। कचरे का अंबार, दूषित पानी का जमाव, विभिन्न तरह के जीवाणु और विषाणु ओं का हमला, बीमारी के रूप में उभर कर आएगा। उससे लोगों को बचाने के लिए एक लड़ाई और लड़नी होगी।
जिसके लिए जनप्रतिनिधि, विभिन्न सामाजिक संस्थान और जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर लोगों के मदद के लिए आगे आना पड़ेगा।
तब जाकर बाढ़ से पीड़ित लोगों को समय रहते राहत पहुंचाया जा सकेगा।