धनबाद : झारखंड के कोयलानगरी क्षेत्र धनबाद के कतरास मोड़ पर सिंह मेंशन और रघुकुल के समर्थकों के बीच एक बार फिर से गोलीबारी और बमबाजी गुरुवार की सुबह की गयी है. जिसमें दोनों ही तरह से कई समर्थक घायल हुए है. दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. सिंह मेंशन के समर्थकों का कहना है गोलीबारी और बमबाजी का आरोप धनंजय सिंह पर लगाया है. वहीं रघुकुल के समर्थकों का कहना है कि रामबाबू प्रसाद के घर पर गोलीबारी सिंह मेंशन के समर्थकों द्वारा किया गया है।
आइए जानते हैं क्या है दोनों के बीच का विवाद मामला ….
गौरतलब है कि धनबाद में सिंह मेंशन और रघुकुल एक ही परिवार के दो सदस्य है, जिनके बीच अक्सर रुपए और रुतबे की चाहत ने दोनों को अंधा बना दिया है. बात साल 1991 से पहले का है. सूर्यदेव सिंह घर के मुखिया हुआ करते थे. उनके भाई बच्चा सिंह, रामधीर सिंह और राजन सिंह उनकी ताकत थे. परिवार ने धनबाद पर राज स्थापित किया. सिर्फ धन अर्जित किए, बल्कि राजनीति कद भी बढ़ाई. इनके लिए माफिया शब्द बना. 15 जून 1991 यही वह तारीख थी, जब इस परिवार ने अपना मुखिया (सूर्यदेव सिंह) खो दिया. परिवार की कमान सूर्यदेव सिंह के भाई बच्चा सिंह के हाथों में गया. बच्चा सिंह विधायक बने और फिर मंत्री भी बने. बच्चा सिंह के नेतृत्व में परिवार ने अपना वर्चस्व बनाए रखा. 14 सालों तक परिवार उस दिशा में चला, जिस ओर बच्चा सिंह उसे लेकर गए. साल 2005 मेंशन में टेंशन लेकर आया. परिवार टूटा और नफरत ने इन्हें एक-दूसरे से दूर कर दिया।
हिंसक हुआ रिश्ता….
झरिया का चुनाव समाप्त हो गया, पर इसकी खटास बनी रही. रिश्ते हिंसक होने लगे. आपस में टकराहट बढ़ गई. इसी बीच संजीव के करीबी रंजय सिंह की हत्या कर दी गई. नाम रघुकुल का उछला और चोट सिंह मेंशन को लगा. अब रिश्ते मर्यादा तोड़ रहे थे. नीरज सिंह की हत्या हो गई. अब आरोप सिंह मेंशन के संजीव सिंह पर लग रहा है. राजनीति विवाद ने संपत्ति विवाद को बढ़ावा दिया. कुंती मार्केट पर अधिकार की जंग ने पहली बार सिंह मेंशन और रघुकुल के विवाद को सड़कों पर ला दिया. मामला थाना पहुंचा और पुलिस को इसे लेकर कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी. रघुकुल की ओर से संपत्ति बंटवारे की मांग शुरू हुई. सिंह मेंशन ने भी तेवर तीखे कर लिये।