जमशेदपुर : कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार के विरुद्ध में तथा कश्मीर में पुनर्वास की मांग को लेकर के 19 जनवरी संध्या 7 बजे कदम एलाइट दुर्गा पूजा मैदान में भारतीय जनता पार्टी कर्मा मंडल के अध्यक्ष द्विपल विश्वास के अध्यक्षता में एक कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें शहर के अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित हुए जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में अभय सिंह भाजयुमो जिला अध्यक्ष अमित अग्रवाल जी भी उपस्थित हुए।अभय सिंह ने कहा की कश्मीर में 19 जनवरी 1990 को हुए कश्मीरी पंडितों के ऊपर अत्याचार एवं नरसंहार को भारत सरकार संज्ञान में लेते हुए कश्मीरी पंडितों को न्याय देते हुए उनका पुनर्वास कश्मीर में करवाएं साथ ही कश्मीरी पंडितों को प्रशिक्षण देकर सेना का रूप देकर उन्हें पुनर्वास करें ताकि आतंकवादियों एवं जिहादियो से समय आने पर मुकाबला कर करे अमित अग्रवाल ने कहा कश्मीरी पंडितों पर उन पर अत्याचार कभी भी भुलाया नही जा सकता है।
वह एक काला अध्याय है देश में नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनी तब वहां पर धारा 370 हटा। सरकार कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को पुनर्वास कराएं. और मैं आयोजन करता चिंटू सिंह और अमित यादव जी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं की आज आपने सच्ची श्रद्धांजली देने का कार्य किया है। कार्यक्रम के अंत में भारत माता की आरती का कार्यक्रम को संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम का संचालन सशांक शेखर, धन्यवाद ज्ञापन द्विपल विश्वास ने किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्व हिंदू परिषद झारखंड प्रांत के धर्माचार्य प्रमुख अवतार सिंह गांधी, कोल्हान बजरंग दल के संयोजक जनार्दन पांडे, सेवा भारती से प्रसेनजित तिवारी, भारतीय जनता पार्टी धनबाद के प्रभारी अभय सिंह, युवा मोर्चा के अध्यक्ष अमित अग्रवाल, पूर्व जिला अध्यक्ष नंदजी प्रसाद, ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद, मंगल सिंह अखाड़ा से मुन्ना सिंह, शंकर रेड्डी, अमित सिंह, अजित सिंह, राहुल दुबे, संजय सिंह, मुन्ना दुबे, कन्हैया पांडे, सौरव कुमार, अमित यादव चिंटू सिंह, आयोजक चिंटू सिंह अनुज चौधरी। अमित जाधव, गजेंद्र सिंह, सपा दास, धर्म सिंह, भाजयुमो कदमा मंडल महामंत्री अजीत सिंह राहुल दुबे संजीव बाबई दास, विश्वजीत, आनंद राव, अमित सिंह, गजेंद्र सिंह, रोहित जगदल्ला, चंदना बनर्जी, उपासना दत्ता इत्यादि उपस्थित थे. एवं सैकड़ों की संख्या में आम जनमानस उपस्थित हुए इस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और जिहाद का शिकार हुए कश्मीरी पंडितों को श्रद्धांजलि दी गई।