■ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खतियानी जोहार यात्रा पर बोले पूर्व सीएम रघुवर दास- लुटेरे बागवां चमन की बात करते हैं, लगाकर आग वो अमन की बात करते हैं।
जमशेदपुर। गत दिनों खतियानी यात्रा में जमशेदपुर आये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार जो चाहेगा, वही होगा। संविधान की धज्जियां उड़ने नहीं देंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आप संविधान की बात करते हैं, अच्छी बात है। आपको यह भी पता है कि संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सरकार को यह अधिकार है। जब अधिकार है तो 1932 वाले कानून को केंद्र को क्यों भेज कर उलझा कर झारखंडी युवकों को सरकारी नौकरी से वंचित कर रहे है। अगर राज्य सरकार अपने कानून से संतुष्ट है आपके द्वारा बनाये नियम कायदे कानून संवैधानिक रूप से सही है तो फैसले अविलंब लागू करे। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि अविलंब रिक्तियां निकालें, उसमें 1932 खतियान और पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करते हुए निकाले। यदि उसके बाद कानूनी पचड़ा खड़ा होता है, तो राज्य के युवाओं को लेकर मुस्तैदी से कानूनी लड़ाई लड़े। उपरोक्त बातें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रेस को संबोधित करते हुए कही। वे गुरुवार को भालूबासा स्थित आशीष किशोर संघ में प्रेस-वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव एवं भाजपा महानगर जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा मौजूद रहे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि लुटेरे बागवां चमन की बात करते हैं, लगाकर आग वो अमन की बात करते हैं। कविता की ये पंक्तियां आज झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के क्रियाकलापों पर स्टीक बैठती हैं। कहा कि राज्य के खदान लूटने वालों के लिए, जमीन हड़पने वाले, बालु-पत्थर लुटवाने के लिए 25 लाख, 50 लाख रुपये फीस के वकील रख सकते हैं तो राज्य के बेरोजगार युवकों, आदिवासियों, पिछड़ों के लिए करोड़ों रुपये का वकील रखिये और कानूनी लड़ाई लड़िए और कल से हो 1932 खतियान और पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करिए। कहा कि राज्य में खजाने पर पहला अधिकार गरीबों का, बेरोजगार युवकों का और महिलाओं का है, ना कि राज्य को लुटने वाले सिंडिकेट का जिन्हें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संरक्षण और समर्थन हासिल है। पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि खतियानी जोहार यात्रा महज एक ढोंग है। दरअसल यह सरकार की नाकामयाबियों एवं लुभावने वादों को छुपाने के लिए एक बार फिर गुमराह करने का प्रयास है। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से कहा कि मुख्यमंत्री जी काठ की हंडी एक बार चढ़ती है, बार-बार नहीं।
श्री दास ने कहा कि यह सरकार युवाओं को नौकरी देने का जो वादा कर सत्ता में आयी थी उस वादे को ठगने के लिए सरकार ने प्रपंच रचा। 1932 के आधार पर स्थानीय नीति, जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं विधानसभा में 21 फरवरी 2021 को कह चुके हैं कि खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू नहीं हो सकता। यह कोर्ट में टिकेगा नहीं, इससे साफ जाहिर है कि सीएम हेमंत सोरेन ने जानबूझ कर यह संवैधानिक गड़बड़ियों की ताकि झारखंडी युवक-युवतियों को नौकरी न देकर उन्हें उलझाकर, लटका कर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्थानीय परिभाषित किया जिसमें तीन आधार थे जिसके आधार पर स्थानीय परिभाषित किए गए थे। खतियान के साथ 1985 से जो झारखंड में रह रहे हैं। इस आधार पर तीन वर्ष में एक लाख से ज्यादा नौकरी दी शिक्षक, सिपाही, दरोगा, वनरक्षी, बिजली विभाग एवं अन्य विभागों में बहाली की गई। लेकिन हेमंत सरकार ने इसे बदल दिया जबकि इस बदलाव का कोई औचित्य नहीं था। पूर्व सीएम ने पूछा कि जब 1932 के खतियान का अस्तित्व ही नहीं तो यह बदलाव कर झारखंड के युवाओं का वर्ग-3 और वर्ग-4 की नियुक्तियां जिसपर उनका अधिकार है उससे वंचित करने का पाप सरकार ने क्यों किया? पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खतियानी लाभ से वंचित कर जोहार यात्रा निकालना एक मजाक ही है। शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर एक वर्ष में 5 लाख नौकरी देने की घोषणा करने वाली हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार के तीन वर्ष के शासनकाल में मात्र 357 युवाओं को नियुक्ति मिली है और ये नियुक्तियां हमारे शासनकाल के वैकेंसी के विरूद्ध है।
पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि झूठे वादे, अक्षम और फितरती नेतृत्व और संसाधनों की लूट के कारण तीन वर्ष के शासन में झारखंड बेमिशाल नहीं बल्कि बदहाल और बेहाल हो गया है। हेमंत सोरेन सरकार में भ्रष्टाचार, लूट, अपराध, तुष्टिकरण और वादाखिलाफी के नये कीर्तिमान स्थापित हुए है। राज्य में जब-जब जेएमएम, कांग्रेस, राजद यानी चोर-चोर मौसेरे भाईयों की सरकार बनी है। यह राज्य उनकी करतूतों से शर्मसार हुए हैं। कहा कि पूरे राज्य का खजाना डकार कर झारखंड के सूबेदार निकले हैं- खतियानी जोहार यात्रा पर इनके जितने शार्गिद है, वे जेलों में बंद है, वे जेलों में क्यों है सबको जेल से छुड़ाकर उन्हें जोहार यात्रा में क्यों नहीं ले जाया जा रहा है। पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध करते हुए कहा कि जोहार यात्रा के अगले चरण में जब निकलें तो जितने लुटेरे अवैध खनन के आरोप में जेल में है, उनकी तस्वीर गाड़ी पर लगाकर चले ताकि झारखंड की जनता खतियानी जोहार यात्रा की वास्तविकता को समझ सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में बढ़ते दुष्कर्म एवं हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अबुआ राज के बबुआ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शासन में आदिवासी बेटियां समेत अन्य बहु-बेटियां सुरक्षित नहीं है। एक आदिवासी लड़की को एक बंगलादेशी घुसपैठिए ने 50 टुकड़ों में काट डाला, आदिवासी युवतियों को बलात्कार कर फांसी पर चढ़ा दिए जा रहे हैं। युवतियों को लवजिहादी के द्वारा जिंदा जला दिया जा रहा है और सीएम हेमंत सोरेन इन सब पर चुप्पी साधे बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जिस मुख्यमंत्री का दामन गरीब आदिवासी बेटियों के खून से रंगा हुआ है, वह जोहार यात्रा निकाल रहे हैं और अपनी करतूतों को ही जन सेवा कह रहे हैं।