जमशेदपुर : तू माटी का गुड्डा मैं सोने की गुड़िया वाली संगीत आप सुने होने मगर हकीकत में गुड्डे गुड़ियों की शादी जमशेदपुर में शायद यह अनोखा शादी आपको दिखाई पड़ता होगा मगर यह छत्तीसगढ़ी समाज की परंपरा है जो गुड्डा गुड़िया की शादी पूरे धूम धाम से की जाती है बैंड बाजा से साथ बाराती भी आते है।
कहा जाता है अक्षय तृतीया के बाद शुभ दिन पर होता है जहा पूरे परिवार के साथ पूरा समाज इस शादी में शामिल होते है जिसमे लाखो रुपए खर्च कर शादी में की जाने वाली सभी विधि विधान के साथ शादी कराई जाती है जिसमे हल्दी, मंडप से लेकर बरात और शादी विवाह के मंत्रो उच्चारण के बाद बिदाई भी होती है जहा नाच गाना के साथ पूरे उत्साह के रूप में गुड्डा गुडिया की शादी रचाई गई. वही इस परंपरा को निभाने वाले घर के बुजुर्गो ने बताया इस शादी का मूल उद्देश्य परिवार समाज में खुशहाली है और समाज मे छोटे छोटे बच्चे भी इस परंपरा को भूले नही याद रखे।
महिला आयोजक ने बताया की इस शादी में लगभग दो सौ बाराती नाचते गाते आते है और जिस तरह एक शादी में अच्छे अच्छे खाना खाते है उसी तरह इस शादी में खाना का पूरा इंतेजाम होता है यह लगता ही नही की शादी गुड्डा गुड़िया का है. शादी में आई बच्ची वही गुड्डा गुड़िया के शादी में मेहमान बन कर आई राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की पत्नी रुक्मणि देवी जो बताती है यह देख कर बहुत अच्छा लगता है और पहली बार मौका लगा है बारात में आने का बाराती युवती ने कहा की यह परम्परा को बचाते हुवे इस तरह का आयोजन किया जाता है ताकि समाज के बच्चे इसे देख कर कुछ सीखे और परंपरा को बचाए।