जमशेदपुर : 1 वर्ष पूर्व नगर निकायों के पदाधिकारियों श्रम विभाग के पदाधिकारियों और सफई कर्मचारी के प्रतिनिधि और यूनियन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी जहां त्रिपक्षीय वार्ता के 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी समझौता का पालन नहीं किया जा रहा है, न्यूनतम मजदूरी, सेफ्टी का साधन, छुट्टी का पैसा पेमेंट स्लिप आदि कुछ कार्यरत इन कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है, इतना ही नहीं आंदोलनरत कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा काम का बोझ भी बढ़ा दिया गया है पांच मजदूरों के जगह पर दो मजदूरों से काम लिया जा रहा है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के सचिव रमेश मुखी ने बताया कि इनकी मांगों से संबंधित झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री और श्रम मंत्री से पत्राचार किया गया है बावजूद इसके कोई निष्कर्ष नहीं निकला उन्होंने बताया कि इन मांगों के साथ-साथ महंगाई भत्ता भी इन्हें नहीं दिया जा रहा है और तो और अब मजदूरों का शोषण शुरू हो गया है उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं होगी तब तक इनका आंदोलन जारी रहेगा भले ही इन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर क्यों ना जाना पड़े।