जमशेदपुर : कल भारत के कई राज्यों में जिस तरीके़ से ऐतिजाद किया गया और हमारे झारखंड राज्य की राजधानी रांची में भड़की हिंसा बहुत ही अफसोस की बात है। हमारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में नेत्री नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में ऐतिजाद बेशक होना चाहिए लेकिन हमें यह सोचना भी जरूरी है कहीं इस भीड़ में शरारती लोग शामिल ना हो जाएं जिससे आपका ऐतिजाद ग़लत साबित ना हो जाए। हमारे रसूल सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के बारे में जो गलत बातें कहीं उसके लिए पूरे भारत में ऐतिजाद हो रहा है हम सभी को सोचना चाहिए हमारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कभी किसी के खिलाफ़ पत्थर तो दूर की चीज़ कभी अपनी जुबान से दूसरों के लिए ऐसी बात नहीं की जिससे दूसरों को तकलीफ़ पहुंचे।
एक वाक्य है हमारे आका मोहम्मद रसूलसल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमेशा नमाज़ के लिए मस्जिद में जाया करते थे तो रास्ते में एक बुढ़िया छत पर चढ़कर उनके ऊपर कूड़ा फेंका करती थी। तो हमारे रसूल सल्ला अलेही वसल्लम मुस्कुरा कर उस कूड़े को झाड़ दिया करते थे। एक बार ऐसा हुआ जब नमाज़ के लिए जा रहे थे उन पर कूड़ा नहीं फेंका गया। जब मस्जिद से वापस आ रहे थे तो पता चला वह बुढ़िया बीमार है। तो हमारे रसूल सल्लल्लाहो वसल्लम उस बुढ़िया को देखने के लिए घर पर पहुंचे। बूढि़या यह देख कर हैरतअंगेज रह गई और फौरन इस्लाम कबूल कर लिया। हमें अफसोस है उन लोगों पर जो लोग पत्थरबाजी करते हैं सरकार की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाते हैं।
हमारे जवान हमारी रक्षा के लिए ड्यूटी पर मौजूद होते हैं कुछ शरारती लोग उन पर पत्थर से हमला करते हैं क्या हमारा इस्लाम यही सिखाता है। हमारा इस्लाम हमारा मजहब भाईचारा मोहब्बत अमन चैन सिखाता है। हमारे रसूल सल्लल्लाहो सल्लम ने अख़लाक़ को सबसे बेहतरीन अमल बताया। अख़लाक़ से ही दिन फैला। मैं सभी लोगों से अपील करना चाहता हूं ऐसे लोगों से बचें जो देश को तोड़ना चाहते हैं आपस में भाईचारा बनाकर रखें जैसे हमारे रसूल सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने फरमाया है।