रांची: नगड़ी थाना क्षेत्र के दलादली चौक के समीप बुधवार की रात माकपा कार्यालय में घुसकर सुभाष मुंडा की गोली मारकर हत्या के विरोध में ग्रामीण उग्र हो गए। रात सवा 9 ग्रामीण सड़क पर उतर आए। इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने चौक को जाम कर दिया। इसके बाद उग्र भीड़ उत्पात मचाने लगी। लाठी-डंडे से लैस भीड़ ने रिंग रोड से गुजर रहे 2 दर्जन से ज्यादा ट्रक, 2 व 3 पहिया वाहनों के शीशे को न सिर्फ क्षतिग्रस्त किया, बल्कि उनके चालकों के साथ भी जमकर मारपीट की। भीड़ में शामिल ग्रामीण इतना आक्रोशित थे कि दलादली चौक के समीप शराब दुकान में घुसकर उसे आग के हवाले कर दिया। वहीं दलादली चौक के आसपास दर्जनों झुग्गी- झोपड़ी को भी नहीं बक्शा, उसमें भी आग लगा दी। भीड़ में महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल थे। देर रात तक उग्र भीड़ सड़क पर जमी रही हैं।
घटना के विरोध में उग्र भीड़ ने दलादली चौक को जाम कर दिया। इस दौरान दलादली चौक से एक भी वाहन को भीड़ ने गुजरने नहीं दिया। इस कारण रिंग रोड में वाहनों की लंबी कतार लग गई। देर रात तक वाहन चालकों को जाम में फंसा रहना पड़ा। देर रात मिली सूचना के मुताबिक रात 12.15 बजे सड़क से जाम हटा।
हंगामे और तोड़फोड़ की घटना की जानकारी मिलने के बाद सिटी एसपी शुभांशू जैन पुलिस बल के साथ दलादली चौक पहुंचे। उन्होंने भीड़ को समझाने का प्रयास किया। इसी दौरान भीड़ उनसे उलझ गयी । धक्का- मुक्की करने लगी। सिटी एसपी ने उन्हे रोकने का प्रयास किया तो भीड़ उन पर और मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों पर टूट पड़ी। भीड़ में शामिल लोग सिटी एसपी पर लाठियां बरसाने लगा। वहीं कुछ ग्रामीण अन्य पुलिसकर्मियों को खदेड़ने लगी। उन पर पथराव करने लगी। भीड़ इतना उग्र थी कि सिटी एसपी की गाड़ी का शीशा को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस की टीम कुछ दूर में जाकर जमा हो गयी। इधर, भीड़ उत्पात मचाते रही।
सिटी एसपी पर हमला होने के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी थोड़ी देर के लिए घटनास्थल से पीछे हट गए। ग्रामीण एसपी और सिटी एसपी भी कटहल मोड़ के पास खड़े हो गए और जवानों के आने का इंतजार करने लगे।
इसके बाद सैकड़ों जवान मौके पर पहुंचे। डीआइजी व अन्य पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। इसके बाद पुलिस धीरे- धीरे आगे बढ़ी, लेकिन दलादली चौक पर जाने से पहले ही रुक गई। दूसरी तरफ से एसएसपी कांठीटांड चौक की ओर से घटनास्थल पर पहंचे। एसएसपी लोगों को समझा- बुझाकर शांत कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कोई बात नहीं सुन रहा था।