नई दिल्ली : उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में 17 दिनों तक फंसे 41 मजदूरों को लंबी जद्दोजहद के बाद बाहर निकाल लिया गया है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं और सफल ऑपरेशन के बाद सरकार और प्रशासन सभी ने राहत की सांस ली है। टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए सरकार ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। सेना तक को रेस्क्यू ऑपरेशन में उतारा गया। जब तमाम एक्सपर्ट और मशीनें फेल हो गईं तो आखिरी समय पर रैट माइनर्स ने हाथों से ही पूरा पहाड़ खोद डाला। तब जाकर मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। मजदूरों को बाहर निकालने वाली रैट माइनर्स टीम के लीडर मुन्ना कुरैशी की जमकर तारीफ हो रही है। मजदूरों से मिलने वाले टनल में जाने वाले पहले बाहरी शख्स वही थे। उनकी टीम को टनल में आखिरी 12 मीटर का मलबा हटाने का स्पेशल टास्क मिला था।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi's telephonic conversation with the workers who were successfully rescued from Uttarakhand's Silkyara tunnel after 17 days pic.twitter.com/G1q26t5Ke8
— ANI (@ANI) November 29, 2023
उत्तरकाशी टनल में फंसे सभी 41 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। इस ऑपरेशन के कई हीरो हैं, लेकिन रैट माइनर्स के लीडर मुन्ना कुरैशी सबसे खास हैं। 29 साल के कुरैशी रैट माइनर्स की एक कंपनी चलाते हैं। दिल्ली के राजीवनगर इलाके में रहने वाले कुरैशी की कंपनी सीवर और पानी की लाइनों को साफ करने का काम करती है। उनकी टीम इस काम में एक्सपर्ट है। उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में जुटी टीम के सामने जब आखिरी 12 मीटर का मलबा बचा था तो सोमवार को कुरैशी की ही टीम को दिल्ली से उत्तरकाशी लाया गया। कुरैशी और उनकी टीम ने हाथों से मलबा साफ किया और मजदूरों को बाहर निकलने के लिए रास्ता बनाया। टनल में फंसे 41 मजदूरों से मिलने वाले पहले बचावकर्ता मुन्ना कुरैशी ही थे।
#WATCH | Encouraged by the successful rescue operation, the rescue team raised slogans of 'Bharat Mata Ki Jai' inside the Silkyara tunnel yesterday pic.twitter.com/JgbBbt7FJM
— ANI (@ANI) November 29, 2023