उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में हुई टेलर कन्हैया के मामले में दोनों आरोपियों रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को 13 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं सरकार की लगातार कार्रवाई के बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। इस मामले में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भाजपा और शिवराज पर जमकर हमला बोला। उन्होंने उदयपुर में हुए नरसंहार पर बोलते हुए कहा कि मेरा और कांग्रेस पार्टी का भी यही स्टेंड है कि ऐसे लोगों को जल्द से जल्द फांसी होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई भी धर्म हिंसा करने के लिए नहीं बोलता बल्कि सभी धर्म प्यार मोहब्बत और अमन की बात करते हैं। इस तरह की घटना को मानवीय सद्भावना तो नकारती ही हैं। ऐसे लोगों पर किसी तरह का रहम नहीं होगा, उन्हें फांसी की सजा की मांग की जाएगी।
घायल को पांच लाख की सहायता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद शुक्रवार को विधायक प्रीति शक्तावत ने घायल ईश्वर गौड़ को 5 लाख की सहायता राशि दी। कन्हैयालाल पर हमले के समय टेलर ईश्वर गौड़ घायल हो गया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले उनकी कुशलक्षेम पूछने के बाद पांच लाख रुपए देने की घोषणा की थी।
मौसीन और आसिफ को कोर्ट में किया जा रहा है पेश
कन्हैयालाल मर्डर के मामले में दो अन्य साथियों को पुलिस अभी कोर्ट में पेश करने जा रही है। मौसीन और आसिफ को पुलिस ने साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी व गौस मोहम्मद के पकड़े जाने के बाद से ही उनके घरों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां मीडियाकर्मियों और पुलिस अिधकारियों की आवाजाही है। पड़ोसियों में दहशत का माहौल है। अजमेर शरीफ से पुलिस ने मौलवी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। पुलिस का मानना है कि इसी भड़कावे पर कन्हैया लाल की हत्या की गई।
भाजपा ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा
सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि गहलोत के मुख्यमंत्री काल में 25 ऐसी घटनाएं हुईं जिनमें हत्याएं, दुष्कर्म, जुलूसों पर पत्थरबाजी,आदि शामिल है और इन सब घटनाओं में सरकार ने तुष्टिकरण करते हुए पुलिस का मनोबल कम किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की सबसे बड़ी सीमा प्रदेश से लगती हुई है और राज्य में ऐसी आतंकी घटना का होना इस बात को सत्यापित करता है कि मुख्यमंत्री के अधीन आने वाला गृह मंत्रालय राज्य की अमन पसंद जनता की सुरक्षा व उसके हितों की रक्षा करने में नाकाम है, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री गहलोत को लेते हुए अपना त्यागपत्र दे देना चाहिए।