जमशेदपुर : जिले के साइबर थाना (बिष्टुपुर) में वर्तमान में करीब 216 मामले लंबित हैं, जिनकी जांच अधूरी है. वर्तमान में साइबर थाना में सिर्फ थाना प्रभारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है. ऐसे में लंबित केस की जांच प्रभावित हो रही है. साइबर थाना में इंस्पेक्टर की कमी को देखते हुए एसएसपी किशोर कौशल।ने लंबित केस को शहर के सभी इंस्पेक्टर थाना प्रभारी को जांच करने की जिम्मेदारी देने का निर्देश जारी किया है.।एसएसपी के निर्देश के बाद साइबर थाना की पुलिस लंबित केस की सूची तैयार करने में जुट गयी है. सूची तैयार होने के बाद शहरी क्षेत्र के सभी इंस्पेक्टर थाना प्रभारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी. शहरी क्षेत्र के इंस्पेक्टर थाना को 10 से 15 केस की जांच का जिम्मेदारी मिल सकती है. शहरी क्षेत्र में 15 इंस्पेक्टर थाना प्रभारी है, जबकि पांच इंस्पेक्टर थाना प्रभारी है. साइबर केस की जांच की जिम्मेवारी यातायात प्रभारी को भी दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिस थाना क्षेत्र के वादी हैं, उसी क्षेत्र के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर का केस की जांच की जिम्मेदारी दी जायेगी. एक थाना क्षेत्र में ज्यादा केस होने पर यातायात थाना प्रभारी को उस क्षेत्र के केस की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी. वर्तमान में जिले में 21 इंस्पेक्टर ने योगदान दिया है. इंस्पेक्टर की कमी के कारण बिष्टुपुर यातायात थाना के अलावा सर्किल इंस्पेक्टर का पद रिक्त है. वर्तमान में यह पद प्रभार पर चल रहा कर रहा है।
दो लाख से ज्यादा की ठगी होने पर साइबर थाना में होता है केस.
साइबर थाना में दो लाख से ज्यादा की ठगी की शिकायत।होने पर ही केस दर्ज किया जाता है. दो लाख से कम की ठगी होने पर पीड़ित के निवास क्षेत्र में थाना में केस दर्ज किया जाता है. मालूम हो कि हाल के दिनों में साइबर ठगी का मामला काफी बढ़ गया है. हर दिन लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. साइबर गिरोह के सदस्य अलग- अलग हथकंडे अपनाकर लोगों को अपनी जाल में फंसाकर उनके खाता से रुपये की निकासी कर रहे हैं।