RANCHI : दुमका से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन ने कहा कि 14 साल के संघर्ष के बावजूद मुझे झामुमो में सम्मान नहीं मिला, जिसकी मैं हकदार थी. मेरे पति स्व दुर्गा सोरेन और ससुर शिबू सोरेन ने झारखंड अलग राज्य बनवाया. इसमें दुर्गा सोरेन का अहम योगदान था. वे गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रही थीं. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह किया था कि उनके पति दुर्गा सोरेन की आदमकद प्रतिमा लगवाई जाए, लेकिन उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया. मैंने पति के असामयिक मौत की जांच की मांग भी की थी, लेकिन उसे भी अनसुना कर दिया गया. दुर्गा सोरेन की मौत को संदेहास्पद बताते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. कहा कि जिस दिन कल्पना मुर्मू सोरेन गिरिडीह गई थीं, उस दिन पति दुर्गा सोरेन का अपमान हुआ. उन्होंने अपने संबोधन में स्व दुर्गा सोरेन का नाम तक नहीं लिया. मैं उनका अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगी.
मेरे पति के सपनों को जेएमएम पूरा नहीं कर पाया
सीता सोरेन ने कहा कि मेरे पति के सपनों को जेएमएम पूरा नहीं कर पाया. मैंने छोटे-छोटे बच्चों को किस तरह पाला, यह मैं ही जानती हूं. मेरे बच्चों को और मुझे पीड़ा का सामना करना पड़ा. मुझे दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पहले जब मेरे ससुर की तबीयत ठीक थी, तब वह हमें देखते थे. लेकिन बाद में जब उनकी तबीयत खराब रहने लगी, तो हमें अलग-थलग रखा गया. मैंने जो यह निर्णय लिया, वह मेरा व्यक्तिगत निर्णय है. इसमें कोई राजनीतिक षडयंत्र नहीं है.
भाजपा में महिलाओं को मिल रहा सम्मान
सीता ने कहा कि भाजपा में महिलाओं को सम्मान मिल रहा है. द्रौपदी मुर्मू जो कि एक छोटे से गांव से आती हैं, उन्हें राष्ट्रपति बनाया गया. राज्यसभा, लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण मिला. इससे यह पता चलता है कि केवल भाजपा में ही महिलाओं का विकास है. जब तक दुर्गा सोरेन थे, तब तक पार्टी की नीति- सिद्धांत ठीक थी. आज उनके नहीं रहने पर सभी मूल भावनाओं से भटक गये हैं. आज झामुमो में दलाल-बिचौलिए हावी हैं. महिलाओं का सम्मान नहीं है. दलालों की मनमानी चलती है. ऐसे में हमारे झारखंड के आदिवासी-मूलवासी का विकास कैसे होगा. ये झारखंड अभी तक अंधेरे में डूबा हुआ है. हमें इसको उजाले में लाने के लिए यह कदम उठाना पड़ा. दुर्गा सोरेन जी का सपना भाजपा के सिद्धांतों पर चलकर कर ही पूरा होगा.
सभी 14 सीटों पर खिलेगा कमल
लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर कमल ही खिलेगा. दुमका में हेमंत सोरेन से मुकाबला होने के सवाल पर सीते ने कहा कि मैदान में चाहे जो भी हो, जीत कमल की होगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है. दलाल किस्म के लोग उसमें शामिल हो गये हैं.