वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने बड़ा कमाल कर दिया. वह वर्ल्ड एथलेक्टिस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. नीरज की शुरुआत बहुत ही खराब हुई थी, लेकिन बाद के उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार करके मेडल पर कब्जा जमा लिया.
वर्ल्ड एथेलिक्टस चैंपियनशिप के फाइनल में नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) की शरुआत बेहतरीन नहीं हुई. नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो फाउल साबित हुआ. पहले प्रयास में वह फेल साबित हुए. चोपड़ा ने दूसरे राउंड में 82.39 मीटर दूर भाला फेंका. नीरज ने तीसरे राउंड में अपने प्रदर्शन को सुधारा है। उन्होंने 86.37 मीटर दूर भाला फेंका. चौथे प्रयास में नीरज ने अपने अनुभव का फायदा उठाया और 88.13 मीटर थ्रो ने उन्हें रजत पदक की दौड़ में शामिल करा दिया. नीरज चोपड़ा का पांचवां थ्रो फाउल हो गया है. नीरज का छठा थ्रो भी फाउल हो गया था. मुकाबले में उनके कुल तीन थ्रो फाउल हो गए.
भारत ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 18 साल पहले कांस्य पदक जीता था. साल 2003 में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने लॉन्ग जंप में भारत को कांस्य पदक दिलाया था. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन पहली बार 1983 में किया गया था. तब से भारत इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया है. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने इतिहास रचते हुए क्वालिफायर इवेंट में पहले ही थ्रो में 88.39 मीटर स्कोर करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. अब वह इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं.