- राजनीति के नौसिखुआ होकर भी कल्पना ने शेरनी की तरह मंच से दहाड़ लगाई. कार्यकर्ताओं में उत्साह का ऐसा संचार कर मंच लूट कर चली गयी
दुमका(DUMKA):”तपा कर देख लेता जग कहाँ तक शुद्ध है सोना, तपन में मुस्कुराना ही सफलता प्राप्त है होना” किसी शायर की यह पंक्ति झमुमो सुप्रीमो शीबू सोरेन की पुत्रबधू और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी पर सटीक बैठता है.दुमका ही नहीं संथाल परगना प्रमंडल झमुमो और सोरेन परिवार का गढ़ माना जाता है. समय समय पर यहां की जनता ने शिबू सोरेन, दुर्गा सोरेन, सीता सोरेन और बसंत सोरेन को अपना नेता माना और जनप्रतिनिधि बनाकर भेजा. सोरेन परिवार के सदस्यों ने विधायक से लेकर सांसद और मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया. संयुक्त बिहार से लेकर अलग झारखंड राज्य बनने और राज्य बनने के 24 वर्ष बाद भी यहां की सियासत झमुमो और सोरेन परिवार के इर्द गिर्द घूमती रही.
सबसे बुरे दौर से गुजर रही झमुमो की नैया को खेवनहार की तलाश
लेकिन कहते हैं ना कि समय बड़ा बलवान होता है. आज झामुमो और सोरेन परिवार सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. शिबू सोरेन शारीरिक रूप से अस्वस्थ्य हो चुके हैं. बड़ी पुत्रबधू सीता सोरेन परिवार और पार्टी से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम चुकी है. कथित जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन सलाखों के पीछे हैं, जबकि बसंत सोरेन मंत्री बन घटक दलों को साथ लेकर सरकार चला रहे हैं. इस स्थिति में झामुमो के समक्ष संगठन को मजबूत और धारदार बनाकर आगे ले जाने के लिए चेहरे की तलाश शुरू हुई, ताकि लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके.
संकट मोचक के रूप में सामने आई कल्पना
संकट के इस दौर में संकट मोचक के रूप में उभर कर सामने आई पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन.सामान्य स्थिति में कोई महिला पति के जेल जाने पर टूट जाती है लेकिन कल्पना दृढ़ संकल्प के साथ राजनीतिक मंच पर आई. परिवार और बच्चों की परवरिश के साथ साथ संगठन को मजबूती प्रदान कर रही है.
पहली बार दुमका में मंच पर नजर आयी कल्पना
झामुमो और सोरेन परिवार का गढ़ होने के बाबजूद दुमका में कभी भी लोगों ने कल्पना सोरेन को राजनीतिक मंच पर नहीं देखा था.शुक्रवार को दुमका में कल्पना की धमाकेदार इंट्री हुई और शेरनी की तरह दहाड़ कर महफ़िल लूट कर चली गयी. मौका था लोकसभा प्रत्याशी नलीन सोरेन के नामांकन औऱ जनसभा का. आउटडोर स्टेडियम में आयोजित जनसभा में कल्पना सोरेन के सम्बोधन की हर तरफ चर्चा हो रही है. चर्चा इस बात को लेकर भी हो रही है कि झामुमो को एक कुशल नेतृत्वकर्ता के साथ साथ स्टार प्रचारक मिल गया, क्योंकि हेमंत के जेल जाने के बाद आम लोगों की जुबां पर बस एक ही चर्चा थी कि कौन होगा झामुमो का स्टार प्रचारक? दुमका में कल्पना के पहले संबोधन से ही लोगों को इस सवाल का जबाब मिल गया.
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कल्पना के सम्बोधन से कार्यकर्ताओं में दिखा जोश
दरअसल शुक्रवार को दुमका में बीजेपी और झामुमो प्रत्याशी का नॉमिनेशन था. नामांकन के बाद यज्ञ मैदान बीजेपी तो आउटडोर स्टेडियम में झामुमो की जनसभा थी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह स्टार प्रचारक बनकर यज्ञ मैदान में जनसभा को संबोधित किया. राजनाथ सिंह एक प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं. दुमका के लोगों ने कई बार राजनाथ सिंह को सुना है. अपेक्षा के अनुरूप राजनाथ सिंह के संबोधन पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही. भीड़ भी काफी जुटी थी. वहीं दूसरी तरफ आउटडोर स्टेडियम में आयोजित झामुमो की जनसभा में मंच पर सीएम से लेकर कई मंत्री और विधायक के साथ कल्पना सोरेन भी मौजूद थी.राजनीति के नौसिखुआ होकर भी कल्पना ने शेरनी की तरह मंच से दहाड़ लगाई. कार्यकर्ताओं में उत्साह का ऐसा संचार कर मंच लूट कर चली गयी.
कल्पना के रूप में झामुमो को मिला स्टार प्रचारक
दुमका में कल्पना सोरेन की धमाकेदार इंट्री ने यह साबित किया कि आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है.हेमंत की गैरमौजूदगी में जब संगठन को एक कुशल नेतृत्वकर्ता और प्रखर वक्ता की जरूरत थी तो कल्पना के रूप में संगठन को मिल चुका है.