जिला अग्रवाल सम्मेलन ने बाबूलाल मरांडी को पत्र लिख भाजयुमो, जमशेदपुर महानगर के जिला मीडिया प्रभारी, मारवाड़ी अग्रवाल समाज के युवा मोंटी अग्रवाल का निलंबन वापस करने एवं उन्हें ससम्मान पुनः दायित्व प्रदान करने की मांग की
जमशेदपुर : जिला अग्रवाल सम्मेलन द्वारा प्रदेश अध्यक्ष भाजपा बाबूलाल मरांडी को संबोधित पत्र में लिखा है की (बाबूलाल मरांडी) झारखंड प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा विधायक दल के पूर्व नेता, सदन में नेता प्रतिपक्ष हेतु पूर्व नामित एवं वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनकी पहचान ना केवल एक सशक्त आदिवासी नेतृत्वकर्ता की है , बल्कि एक सुलझे हुए सरल व सौम्य स्वभाव के नेता की भी है. जो सभी कार्यकर्ताओं के प्रति समदृष्टिकोण रखते हुए संगठन को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. किंतु इसके बावजूद पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में झारखंड की 13 सीटों में भाजपा को 79,68,205 वोट प्राप्त हुए, जबकि इस लोकसभा निर्वाचन 2024 में झारखंड में भाजपा को महज 73,38,090 वोट ही प्राप्त हो पाए. भाजपा पिछले बार 11 सीटों पर विजयी हुई थी, जबकि इस बार केवल 8 सीटों पर सिमट कर रह गई. झारखंड में 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, उन पांचो सीटों को भाजपा ने खो दिया. हो सकता है इन सबके पीछे कई कारण हों, किंतु एक महत्वपूर्ण कारण है कि समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करना एवं उनकी बातों को तरजीह ना देना. संगठन की जितनी चिंता प्रदेश एवं केंद्रीय नेतृत्व को है, उससे कहीं ज्यादा चिंता एक साधारण कार्यकर्ता को है. यही चिंता कभी कभी आक्रोश या कटु सत्य बनकर जिला पदाधिकारियों के समक्ष निकल पड़ती है.
कुछ ऐसा ही भाजपा, जमशेदपुर महानगर में हुआ. लोकसभा चुनाव के दौरान भाजयुमो जमशेदपुर महानगर के जिला मीडिया प्रभारी 39 वर्षीय श्री मोंटी अग्रवाल जमशेदपुर भाजपा कार्यालय पहुंचे. वहां दो कक्ष बने हुए हैं, एक कक्ष वातानुकूलीन है, दूसरे कक्ष में AC नहीं लगी हुई है. वातानुकूलीन कमरे के बाहर एक कागज पर लिखा हुआ था ‘पदाधिकारी कक्ष’, उसमें नवमनोनीत जिलाध्यक्ष श्री सुधांशु ओझा बैठते हैं, दूसरे कमरे पर ‘कार्यकर्ता कक्ष’ लिखा था. भाजयुमो जमशेदपुर महानगर के जिला मीडिया प्रभारी श्री मोंटी अग्रवाल ने कहा कि व्यवस्था सब के लिए एक जैसी होनी चाहिए ना कि इस प्रकार दो तरह की, क्योंकि यह भाजपा कल्चर के पूर्णतः विपरीत है.
इस साधारण से विरोध को अथवा यूं कहूं कि कटु सत्य को श्री सुधांशु ओझा स्वीकार नहीं कर पाए. इसी बीच एक दिन सुधांशु जी ने श्री मोंटी अग्रवाल को कहा कि सोशल मीडिया पर उनके नाम से व्यक्तिगत पेज डेवलप करें, किंतु श्री मोंटी अग्रवाल ने कहा कि वे केवल भाजपा के ऑफिसियल पेज पर पोस्ट करते हैं एवं इसी कार्य के लिए अधिकृत हैं. यदि आप व्यक्तिगत सोशल मीडिया पेजेस बनाना चाहते हैं तो मैं किसी प्रोफेशनल टेक्निकल टीम का नाम दे देता हूँ, आप उनसे करवा लें. दुर्भाग्य देखिए यह बात जिलाध्यक्ष को नागवार गुजरी और उन्होंने श्री मोंटी अग्रवाल जैसे समर्पित कार्यकर्ता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की ठान ली.
संदीप ने कहा की पूरे देश में मारवाड़ी समाज भाजपा का एक तरफा समर्थक रहा है. इस बार भी लोकसभा निर्वाचन में भाजपा की टिकट पर भीलवाड़ा में साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोटों से श्री दामोदर अग्रवाल, रायपुर, छत्तीसगढ़ से श्री ब्रजमोहन अग्रवाल, चांदनी चौक, दिल्ली से श्री प्रवीण खंडेलवाल, उत्तर मुंबई, महाराष्ट्र से श्री पीयूष गोयल, गाजियाबाद, यू पी से श्री अतुल गर्ग, बीकानेर, राजस्थान से श्री अर्जुन मेघवाल, खगड़िया, बिहार से श्री राजेश वर्मा, टिटलागढ़, ओडिशा से श्री नवीन जैन ने मोदी 3.0 कार्यकाल में जीत तय की है.
किंतु इसके उलट झारखंड में मारवाड़ी समाज को प्रतिनिधित्व देने की बात पर संगठन काफी पीछे है. लोकसभा में मारवाड़ी समाज को टिकट देने की बात बहुत दूर है. झारखंड की 6 राज्य सभा सीटों पर पूर्व में श्री महेश पोद्दार, श्री अजय मारु एवं श्री परमेश्वर अग्रवाल जी मारवाड़ी समाज का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पूर्व में आपके मुख्यमंत्री कार्यकाल में श्री रामजीलाल सारडा मंत्री रह चुके हैं. परंतु अफसोस का विषय है कि आज झारखंड भाजपा से मारवाड़ी समाज का एक भी प्रतिनिधि राज्य सभा, लोकसभा या विधानसभा में नहीं है.
भले ही भाजपा पुनः इस बार जमशेदपुर लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है, किंतु आपका(बाबूलाल मरांडी) ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा कि जमशेदपुर लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा सीटों में एक भी भाजपा की झोली में नहीं है. आदरणीय, पुनः आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा कि जमशेदपुर लोकसभा में राजस्थान हरियाणा मूल के 1,17,000 मारवाड़ी (अग्रवाल, ब्राह्मण, खंडेलवाल, माहेश्वरी, जैन, जाट, नाई, सुनार, मनिहार) मतदाता हैं. यदि इस गिनती में यूपी एवं पंजाब के अग्रवालों को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या और बढ़ जाएगी.
अमूनन मारवाड़ी समाज सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहता है किंतु विरोधाभास या सक्रिय राजनीति से एक सीमित दूरी बना कर रखता है. परंतु इतिहास गवाह है कि जनसंघ कार्यकाल से मारवाड़ी समाज तन मन धन से भाजपा को सहयोग करता आया है. जनसंघ के कार्यकाल में जब दीपक छाप पर लड़ने के लिए प्रत्याशी नहीं मिलते थे, उन विपरीत परिस्थितियों में मारवाड़ी समाज के सिरमौर रहे स्व. सत्यनारायण जी मित्तल ने जमशेदपुर से जनसंघ की टिकट पर चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाई थी. संघ से मारवाड़ी समाज का जुड़ाव किसी से छुपा हुआ नहीं है. ज्यादा क्या कहूं, स्वयं आपकी राजनीतिक यात्रा के प्रारंभिक दिनों में जमशेदपुर के सिंहानिया परिवार का सहयोग अविस्मरणीय रहा है. आगे चलकर स्व. रामवतार गर्ग जी से आपके मधुर संबंधों का भी मारवाड़ी समाज गवाह रहा है.
ऐसी परिस्थिति में सत्य बात पर आवाज उठाने वाले पिछड़ी जाति के वैश्य युवा श्री मोंटी अग्रवाल जैसे सक्रिय कार्यकर्ता पर निलंबन जैसी कारवाई क्या उचित है? मारवाड़ी समाज के होनहार युवा सह राजनैतिक कार्यकर्ता श्री मोंटी अग्रवाल को पदच्युत करना क्या उचित है?
उन्होंने बहुत ही विनम्रता के साथ माननीय से आग्रह किया हैं की कि तुरंत प्रभाव से हमारे समाज के प्रतिनिधि श्री मोंटी अग्रवाल का निलंबन वापस लेते हुए उन्हें पुनः भाजयुमो, जमशेदपुर महानगर के जिला मीडिया प्रभारी का दायित्व प्रदान करने की कृपा करें. साथ ही यदि जिलाध्यक्ष अथवा अन्य किसी को उनसे कोई शिकायत है तो आप स्वयं बतौर अभिभावक श्री मोंटी अग्रवाल को बुलाकर पुत्रवत समझाने व अभिविन्यास करने की कृपा करें ताकि भविष्य में यह युवा दोगुनी ऊर्जा के साथ संगठन के कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।
उन्होंने कहा है की आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि झारखंड प्रदेश भाजपा के सर्वोच्च पद पर आसीन माननीय बड़ा दिल दिखाते हुए मेरे इस अनुरोध को अवश्य स्वीकार करेंगे. पत्र की प्रतिलिपि कर्मवीर सिंह, माननीय संगठन महामंत्री, भाजपा, झारखंड प्रदेश को भी प्रेषित की गई है।