लोकतंत्र सवेरा न्यूज़ (हेल्थ डेस्क) : वर्ल्ड स्लीप डे 2024 के मौक पर कलकत्ता स्लीप सोसाइटी और वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी की पहल पर पिछले दिनों कोलकाता में एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस मौके पर वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी और कलकत्ता स्लीप सोसाइटी के सचिव डॉ. सौरव दास और कलकत्ता स्लीप सोसाइटी के अध्यक्ष तथा वर्ल्ड स्लीप डे 2024 के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. उत्तम अग्रवाल ने ‘स्लीप इक्विटी फॉर ग्लोबल हेल्थ’ का संदेश वहां मौजूद लोगों को देते हुए आम जनता के बीच नींद की जरूरत और नींद की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में विशेष रूप से जरूरी जानकारी साझा की। इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि नियमित रूप से 6 घंटे से कम नींद लेने से सभी प्रकार के कैंसर का खतरा 30-60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
कम नींद लेना बहुत घातक
उन्होंने कहा कि ‘जिस तरह अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम जरूरी है, उसी तरह अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद भी बेहद आवश्यक है। लेकिन, हम इस नींद को बहुत नजरअंदाज कर देते हैं। हम सोचते हैं कि नींद की मात्रा कम करके हम उस समय में कुछ और काम कर सकते हैं। ऐसा करना और सोचना दोनों घातक है।
सिरदर्द, एकाग्रता की कमी, याददाश्त में कमी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग व मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है
ऑरेंज स्लीप एपनिया क्लिनिक और बेल व्यू क्लिनिक के स्लीप एपनिया और ईएनटी सर्जन डॉ. उत्तम अग्रवाल ने कहा कि पर्याप्त नींद न लेने पर कई तरह की शारीरिक बीमारियां होने का खतरा होता है। इनमें सबसे गंभीर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) है। ओएसए एक ऐसा विकार है, जिसमें नींद के दौरान श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। ओएसए के कारण सिरदर्द, एकाग्रता की कमी, याददाश्त में कमी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग व मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया केवल वयस्क ही नहीं बल्कि छोटे बच्चों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। सोम्नोस स्लीप क्लिनिक और मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. सौरभ दास ने कहा इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया है कि नियमित रूप से 6 घंटे से कम नींद लेने से सभी प्रकार के कैंसर का खतरा 30-60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।