जमशेदपुर : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के झारखण्ड प्रान्त की ओर से १जुलाई २०२४ को संध्या ८ बजे एक आभासी बैठक रखी गई। जिसमें ऑनलाइन गेम के दुष्परिणाम तथा उससे बचाव के उपायों पर चर्चा की गई. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर आइटी डिलीवरी मैनेजर तथा कला उद्यमी श्रद्धा अग्रवाल ने ऑनलाइन गेम के कारण बच्चों व युवाओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने अपने कथन में कहा कि ५-१० वर्ष के बच्चों को मोबाइल चलाने के लिए आधा घंटा समय बहुत है। इससे अधिक एडिक्शन है।
कंपनियों का तो उद्देश्य ही है नई पीढ़ी को अपने जाल में फँसाना, उन्हें इसकी लत लगाना। उनका समय और डेटा खर्च करना। बच्चों को इस लत से बचाने के लिए पहले हमें स्वयम् में परिवर्तन लाना होगा जिससे कि हम उनके समक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। इसके लिए हमें भोजन व शयन के वक्त मोबाइल नहीं चलाना चाहिए।
आयोजन समिति की उपाध्यक्ष एंजेल उपाध्याय ने एबीजीपी के द्वारा विगत महीनों में किये गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेम्स हमारे बच्चों सहित देश का भविष्य खराब करने में लगा हुआ है। विषय पर गंभीर चिंतन करते हुए ग्राहक पंचायत विगत तीन वर्षों से प्रयासरत है। संगठन के प्रयास से ही देश में पिछले दिनों १८ ओटीटी प्लेटफॉर्म को प्रतिबंधित किया गया है। ऑनलाइन गेम्स को लेकर देशभर में जागरूकता अभियान चलाने के अंतर्गत एबीजीपी ने खिलाड़ियों तथा फिल्मी कलाकारों को भारत के सभी जिलों से विरोध पत्र भेजा/भेजने की योजना बनाई।
जिसमें महेद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, स्मृति मंधाना, ऋतिक रौशन, शाहरुख खान आदि शामिल हैं। जिसमें उनसे कहा गया कि आपसे देश के युवा प्रेरित होते हैं इस कारण नैतिकता को ध्यान में रखकर जुए खेलने, और समय, पैसे, बर्बाद करने वाले ऑनलाइन गेम्स को खेलने के लिए न ई पीढ़ी को प्रेरित ना करें, क्योंकि इसके दुष्परिणाम से सम्पूर्ण राष्ट्र का नुकसान हो रहा है। साथ ही साथ सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी (CCPA) को भी सभी प्रान्तों से, प्रान्त के कार्यकर्ताओं द्वारा पत्र लिखा गया है कि ऑनलाइन गेम्स के क्षेत्र में, ‘ये गेम खेलो और करोड़पति बन जाओ’ जैसे भ्रामक प्रचार करने वालों पर भी कारवाई होनी चाहिए।
साथ ही देश के सभी प्रान्तों से भारत सरकार के तीन केंद्रीय मंत्रियों, ‘उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी’, ‘वाणिज्य एवम् उद्योग मंत्री पीयूष गोयल’ तथा ‘लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टर अर्जुन राम मेघवाल’ को भी ऑनलाइन गेम्स के बढ़ते दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में कड़े कानून बनाने का आग्रह भी किया है। केंद्र द्वारा एक पीपीटी बनाकर सभी प्रान्तों को भेजा गया उसे भी विद्यालय, महाविद्यालयों, और स्टूडेंट्स क्लब के माध्यम से स्टूडेंट्स को दिखाया जा रहा है। प्रान्त सचिव डॉ. कल्याणी कबीर जी ने आगामी कार्यक्रमों के अंतर्गत जुलाई महीने में, कोरोना काल से बंद पड़े वरिष्ठ नागरिकों के आरक्षण पर रेलवे को आरटीआई दिये जाने की योजना की जानकारी दी।
प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ एवम् कोडरमा जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रमन कुमार जी ने कहा कि सिर्फ़ जागरूकता ही इस डिजिटल एडिक्शन से बचने का उपाय है। इसके अलावा, एडिक्शन प्रारंभ ही न हो हम सभी को ऐसा प्रयास करना चाहिए। विभिन्न जिलों के ६० लोगों की उपस्थिति में बैठक संपन्न हुई। शिक्षक, चिकित्सक, उद्यमी, विद्यार्थी, अधिवक्ता, रिटायर्ड अधिकारी, कोचिंग संचालक, एनजीओ संचालक, आदि उपस्थित रहें।