चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में नकली शराब बनाने और नकली शराब को सरकारी लाइसेंसी दुकानों में बेचने का मामला थम नहीं रहा है. एक के बाद एक मामलों का उजागर हो रहा है. इसी क्रम में जिले के चाईबासा शहर में सरकारी दुकानों में अवैध नकली शराब बनाकर बेचने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में शराब दुकान के दो कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पाताहातु में 4 मिनी शराब फैक्ट्री का पुलिस ने उद्भेदन किया है. पता चला है की यहाँ अवैध तरीके से नकली शराब बनाकर सरकारी शराब की दुकानों पर बेचने का गोरखधंधा चलाया जा रहा था। इस पूरे कारोबार में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की मिलीभगत की खबर भी सामने आ रही है। क्योंकि अवैध शराब के साथ जिन दो आरोपियों को पकड़ा गया है वे दोनों चाईबासा शहर के यशोदा चौक के पास स्थित सरकारी लाइसेंसी शराब दुकान के ही कर्मचारी हैं। दोनों का नाम सोनू सिंह और अवधेश कुमार है. पुलिस ने छापामारी में मिनी शराब फैक्ट्री के चारों जगह से तकरीबन हर ब्रांड की खाली बोतल, शराब बनाने का केमिकल, अंग्रेजी महँगी शराब के ब्रांड का स्टीकर और झारखंड सरकार का सील बरामद हुआ है। यह गोरख धंधा कितने दिनों से चल रहा था यह पता नहीं चल पाया है. हालांकि जब पुलिस पहुंची तो सभी जगह ताला बंद था पुलिस ने ग्रामीण मुंडा के देखरेख में घर का ताला तोड़ करके अंदर प्रवेश किया इसके बाद पूरा मामले का उद्वेदन हुआ।
ग्रामीणों ने किया नकली शराब बनाने का भांडाफोड़ पश्चिमी सिंहभूम जिला चाईबासा मुख्यालय में नकली शराब बनाने का और लाइसेंस दुकान से बचने का शिकायत उत्पाद अधीक्षक अजय कुमार से की थी। लेकिन उन्होंने कहा था कि नकली शराब नहीं बिक्री हो रहा। इसे लेकर 3 महीने से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस शराब के इस गोरखधंधे के सिंडिकेट के भंडाफोड़ में लगे हुए थे। इसी क्रम में सोमवार की दोपहर को पाताहातु पुल के पास मोटरसाइकिल से थैले और बोरे में बांधकर अवैध नकली शराब लेकर जा रहे शराब दूकान के दो कर्मियों को पकड़ा गया। उन्हें पकड़कर उत्पाद विभाग के कार्यालय ले जाया गया। विभागीय कार्रवाई हो ही रही थी कि इसी बीच पाताहातु में मिनी शराब फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली। भाजपा के कार्यकर्ता और मुफस्सिल थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे, जहां पूछताछ और जांच पड़ताल के बाद 4 मिनी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ। एक मकान में एक फैक्ट्री का संचालन हो रहा था और बाकी तीन मिनी फैक्ट्री का संचालन थोड़ी दूरी पर दूसरे मकान में हो रहा था। नकली शराब को जब्त कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। नकली शराब बनाने और बेचने को लेकर मुफ्फसिल थाना पुलिस और आबकारी विभाग ने अलग अलग दो मामले दर्ज किये हैं.
चक्रधरपुर में बड़े पैमाने पर चल रहा धंधा जिले के चक्रधरपुर में भी दो जगह नकली शराब बनाकर सरकारी लाइसेंसी शराब दुकानों में बेचने का मामला प्रकाश में आ चुका है. उन मामलों में भी शराब दुकान के कर्मचारियों को नकली शराब बनाने और बहने के लिए गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. लेकिन इसके बावजूद नकली शराब बनाने और बेचने का धंधा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अवैध नकली शराब कारोबारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है की ये लोग दिन दहाड़े शराब को बना रहे हैं, उसका परिवहन कर रहे हैं और दुकानों में खुलेआम बेच रहे हैं. नकली शराब बेचे जाने से जहाँ सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. वहीं शराब सेवन करने वालों की सेहत से भी नकली शराब माफिया खिलवाड़ कर रहे हैं. नकली शराब सेवन से किसी दिन बड़े हादसे से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए सरकार और प्रशासन को मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर सख्ती से कार्रवाई करना चाहिए. ताकि नकली शराब बनाने और बेचने का गोरखधंधा बंद हो.
लाइसेंस दुकान से नकली शराब का कारोबार पश्चिमी सिंहभूम जिले के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने कहा कि आबकारी विभाग के मिली भगत से पश्चिमी सिंहभूम जिले के लाइसेंस शराब दुकान से नकली शराब बेचने का गोरख धंधा की जा रही है। हमने इसकी शिकायत किया था लेकिन आबकारी विभाग के उत्पाद निरीक्षक अजय कुमार ने इंकार कर दिया था। लेकिन अब जब मामले का उद्वेदन हुआ है । उन्होंने सरकार से मांग किया है कि इस मामले की पूरी जांच कर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करें। उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारी की संपत्ति के भी जांच करने की मांग की। हालांकि इस संबंध में अजय कुमार को फोन में संपर्क किया गया लेकिन उनका मोबाइल नहीं लगा जिससे उनका पक्ष लिया जा सका।